न्यू टैक्स रिजीम में 80C के तहत छूट नहीं मिलता तो क्या अब ELSS Mutual Fund में निवेश करना बेकार है?

न्यू टैक्स रिजीम में धारा 80C के तहत आप टैक्स में छूट का दावा नहीं कर सकते। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि अगर किसी ने न्यू टैक्स रिजीम चुना है तो क्या उसके लिए अब ELSS Mutual Fund बेकार ऑप्शन है?

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By Gaurav Kumar:

ELSS Mutual Fund: कई निवेशक इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (Equity-Linked Savings Schemes) म्यूचुअल फंड में टैक्स बचाने के लिए निवेश करते हैं। इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं। 

हालांकि न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में धारा 80C के तहत आप टैक्स में छूट का दावा नहीं कर सकते। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि अगर किसी ने न्यू टैक्स रिजीम चुना है तो क्या उसके लिए अब ELSS Mutual Fund बेकार ऑप्शन है या फिर क्या न्यू टैक्स रिजीम वाले निवेशकों के लिए ELSS अब फायदेमंद नहीं है? चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं। 

ELSS Mutual Fund 

ईएलएसएस म्यूचुअल फंड की लॉक-इन अवधि तीन साल की होती है। जब तक सिर्फ देश में ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) था तब तक यह टैक्स बचत के लिहाज से लोकप्रिय निवेश विकल्प था लेकिन अब न्यू टैक्स रिजीम के आने के बाद धारा 80C के तहत कोई छूट नहीं मिलता, जिससे इसका टैक्स सेविंग लाभ समाप्त हो जाता है।

क्या न्यू टैक्स रिजीम वालों के लिए ELSS Mutual Fund बेकार ऑप्शन?

फाइनेंस एक्सपर्ट की मानें तो अगर आपका मकसद सिर्फ टैक्स बचाना था तो फिर आपके लिए ईएलएसएस म्यूचुअल फंड में निवेश करना जरूरी नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ELSS फंड अब निवेशकों के लिए फायदेमंद नहीं है। 

एक्सपर्ट की मानें तो ELSS Mutual Fund अभी भी ऐसे निवेशकों के लिए एक मजबूत वेल्थ क्रिएशन टूल है जो लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न चाहते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऐसे निवेशकों का मकसद अब अब टैक्स सेविंग नहीं बल्कि वेल्थ क्रिएशन होना चाहिए।

अगर ELSS फंड में एसआईपी चल रही है तो क्या करें?

एक्सपर्ट की मानें तो ऐसे निवेशक जिनकी एसआईपी ELSS फंड्स में  चल रही है उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें अब बस अपनी निवेश योजना को टैक्स सेविंग से हटकर निवेश लक्ष्य को देखना होगा और सोचना होगा।

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