म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में होने वाली है नए प्लेयर की एंट्री! सेबी ने इस कंपनी को MF स्कीम लाने की दी मंजूरी
मंजूरी मिलने के बाद अब ये कंपनी अलग-अलग कैटेगरी में अपने म्यूचुअल फंड स्कीम्स को शुरू कर सकती है, जिसमें स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स (Specialised Investment Funds (SIFs)) भी शामिल हैं।

Nuvama Mutual Fund: म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में एक नए प्लेयर की एंट्री होने जा रही है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने हाल ही में Nuvama Wealth Management Ltd को म्यूचुअल फंड (Nuvama Mutual Fund) स्कीम लाने के लिए मंजूरी दी है।
मंजूरी मिलने के बाद अब नुवामा अलग-अलग कैटेगरी में अपने म्यूचुअल फंड स्कीम्स को शुरू कर सकती है, जिसमें स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स (Specialised Investment Funds (SIFs)) भी शामिल हैं। ये एक नया तरह का इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट है, जो इन दिनों फंड हाउस और निवेशकों दोनों के बीच काफी चर्चा में है। हालांकि, नुवामा को फाइनल रजिस्ट्रेशन तभी मिलेगा जब वो SEBI द्वारा तय किए गए कुछ और नियम और शर्तें पूरी कर लेगा।
SIF क्यों खास हैं?
स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स (SIFs) को म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) के बीच का बैलेंस माना जा रहा है। ये फंड्स उन निवेशकों के लिए बनाए गए हैं जो थोड़ा ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं लेकिन सीधे PMS में नहीं जाना चाहते।
इनमें इक्विटी टैक्सेशन लागू होता है - अगर आप फंड को 12 महीने से ज्यादा होल्ड करते हैं तो सिर्फ 12.5% LTCG टैक्स देना होता है, जबकि शॉर्ट-टर्म होल्डिंग पर 20% टैक्स लगता है।
फंड स्ट्रक्चर की बात करें तो हाइब्रिड लॉन्ग-शॉर्ट SIFs में कम से कम 25% इक्विटी और 25% डेट जरूरी होता है। इसके अलावा, डेरिवेटिव्स के जरिए मार्केट की उतार-चढ़ाव (वोलैटिलिटी) को कंट्रोल किया जा सकता है।
हर निवेशक को कम से कम ₹10 लाख का इन्वेस्टमेंट करना होगा, जिससे यह स्कीम रिटेल म्यूचुअल फंड और PMS के बीच एक प्रीमियम विकल्प बन जाती है।
SIFs में कई तरह की रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं, जैसे इक्विटी लॉन्ग-शॉर्ट, सेक्टर रोटेशन, मिड और स्मॉलकैप फोकस, और डेट लॉन्ग-शॉर्ट, जो इन्हें और भी फ्लेक्सिबल बनाती हैं।
कई फंड हाउस लॉन्च कर रहे SIF
अक्टूबर 2025 में SBI Mutual Fund और Edelweiss Mutual Fund भी अपने-अपने SIF स्कीम्स लेकर आ रहे हैं, जिससे इस नए कैटेगरी में कंपीटिशन तेज हो गई है।
SBI का Magnum Hybrid Long-Short Fund ऐसा पोर्टफोलियो देगा जिसमें 65-75% हिस्सा इक्विटी में निवेश होगा। साथ ही, ये फंड बाजार की गिरावट से बचने के लिए 75% तक हेज पोजीशन भी ले सकेगा।
वहीं, Edelweiss का Altiva Hybrid Long-Short Fund 25-75% का अलॉटमेंट इक्विटी और डेट में करेगा। इसके अलावा, ये फंड आर्बिट्राज और डेरिवेटिव स्ट्रैटेजी का भी इस्तेमाल करेगा ताकि रिटर्न को बेहतर और रिस्क को कंट्रोल किया जा सके।