Mutual Fund Track: सिर्फ निवेश काफी नहीं, म्यूचुअल फंड को ट्रैक करना जरूरी
Mutual Fund Track: आज के समय में म्युचूअल फंड में इन्वेस्टमेंट करना काफी नहीं है। निवेशक को समय-समय पर अपने फंड को ट्रैक करना चाहिए। आर्टिकल में जानते हैं कि आप फंड को कैसे ट्रैक कर सकते हैं।

म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना एक अच्छी शुरुआत है। लेकिन हमें समय-समय पर फंड के परफॉर्मेंस पर नजर रखना भी जरूरी होता है। अगर आप अपने फंड्स को समय-समय पर ट्रैक नहीं करते हैं तो हो सकता है आपका पैसा गलत डायरेक्शन में चला जाए और फाइनेंशियल गोल से दूर हो जाए।
म्यूचुअल फंड ट्रैकर क्या है? (What is Mutual Fund Tracker)
म्यूचुअल फंड ट्रैकर एक ऐसा डिजिटल टूल या ऐप होता है जो आपको दिखाता है कि आपका निवेश कैसा कर रहा है। इसमें आपको फंड की मौजूदा कीमत यानी NAV की जानकारी मिलती है। इसके साथ ही यह बताता है कि आपके फंड में कौन-कौन सी कंपनियों के शेयर या बॉन्ड हैं। कुछ ट्रैकर हर दिन अपडेट होते हैं तो कुछ मिनटों में ही लेटेस्ट डेटा शो करते हैं।
जब निवेशक कोई बड़ा गोल तय करते हैं जैसे कि ₹10 लाख जमा करना या बच्चे की पढ़ाई का खर्च तैयार करना तो यह जानना जरूरी होगा कि आपका फंड उस डायरेक्शन में सही जा रहा है या नहीं। अगर फंड अच्छा परफॉर्मेंस कर रहा हो तो उसमें और पैसा जोड़ा जा सकता है। वहीं अगर उसकी परफॉर्मेंस खराब हो दूसरे बेहतर ऑप्शन की ओर रुख कर सकते हैं। इसके अलावा समय के साथ बाजार में उतार-चढ़ाव से आपके पोर्टफोलियो का संतुलन बिगड़ सकता है, जिसे सही करने के लिए समय-समय पर निगरानी जरूरी है।
ऑनलाइन ट्रैकर कैसे करें इस्तेमाल?
आजकल कई फ्री वेबसाइट और ऐप्स जैसे Groww, Zerodha Coin, ET Money और Kuvera पर आप अपने फंड्स की जानकारी डालकर एक ही जगह से पूरा पोर्टफोलियो देख सकते हैं। ये ट्रैकर्स आपको आपके रिटर्न्स की तुलना बड़े इंडेक्स जैसे NIFTY 50 से भी करके दिखाते हैं और यह भी बताते हैं कि कौन सा फंड कैसा कर रहा है।
फंड हाउस की वेबसाइट से कैसे मिले जानकारी?
हर म्यूचुअल फंड कंपनी की अपनी वेबसाइट और मोबाइल ऐप होती है। यहां आप अपने PAN और फोलियो नंबर डालकर लॉगइन कर सकते हैं। यहां से आप लाइव NAV, लेनदेन का रिकॉर्ड और जरूरत पड़ने पर पूरा स्टेटमेंट भी डाउनलोड कर सकते हैं।
हर महीने फंड हाउस एक फैक्ट शीट जारी करता है, जिसमें उस फंड की पूरी जानकारी होती है। ये शीट पढ़कर आप यह तय कर सकते हैं कि फंड में बने रहना है या बदलाव करना है।
CDSL और NSDL जैसी डिपॉजिटरी हर महीने एक रिपोर्ट भेजती हैं, जिसे CAS (Consolidated Account Statement) कहते हैं। इसमें आपके सारे म्यूचुअल फंड्स का रिकॉर्ड एक ही जगह मिल जाता है।
कितनी बार करें फंड की समीक्षा?
हर तिमाही यानी तीन महीने में एक बार अपने फंड्स को देखना काफी होता है। सिर्फ 15-20 मिनट लगाकर आप यह जान सकते हैं कि कहीं कोई बदलाव जरूरी तो नहीं है। अगर किसी फंड में अचानक बड़ा नुकसान हुआ है या उसका खर्च बहुत बढ़ गया है, तो आप समय रहते सही फैसला ले सकते हैं।