Uttarakhand का ये हिल स्टेशन देख दिल हो जाएगा खुश
लैंसडाउन में रहने के लिए भी अच्छे विकल्प हैं। यहाँ 5 स्टार होटल से ले कर सस्ते और एक अतिथिगृह हैं जहां लोगों को अपनेपन का एहसास के साथ घूमने का भी मज़ा दोगुना हो जाएगा।

By प्रतिष्ठा अग्निहोत्री (Pratishtha Agnihotri) :
लोग अक्सर हिल स्टेशन के नाम पर गिनी चुनी जगह जैसे शिमला, मनाली, देहरादून जैसी ही जगहों पर जाने का सोचते हैं और फिर वहाँ की भीड़ का सोच अपना प्लान ही नहीं बनाते हैं। तो अगर आप जाना चाहते है हिल स्टेशन पर भीड़ से सामना भी नहीं करना तो आपको जाना चाहिए उत्तराखण्ड के इस हिल स्टेशन में जिसके बारे में ज़्यादा लोग नहीं जानते हैं जिस कारण वहाँ भीड़-भाड़ भी नहीं होती। बात अगर हम उत्तराखण्ड या हिमाचल प्रदेश की करें तो यहाँ घूमने की बहुत ही खूबसूरत जगह हैं जो ना सिर्फ़ आँखों को सुकून मगर दिल को भी ठंडक का एहसास कराती हैं।कुछ जगह तो ऐसी भी हैं जिसे बहुत ही कम लोग जानते हैं इसलिए वहाँ भीड़ भी देखने को नहीं मिलती। ऐसी ही एक बेहद खूबसूरत जगह है लैंसडाउन। लैंसडाउन को उत्तराखंड का एक छुपा रत्न भी माना जाता है।
लैंसडाउन की प्रकृति
लैंसडाउन की प्रकृति में ही सुंदरता और शांति का बसेरा है जिस कारण ये पर्यटकों के मन को एक बार में ही भा जाता है।यहाँ का वातावरण साफ़-सुथरा तो है ही साथ ही यहाँ की सुंदर हरियाली भी सबको अपनी ओर आकर्षित करती है।लैंसडाउन में भी छुपे हैं ऐसे कई घूमने के स्थल जो पर्यटकों को बहुत पसंद आती हैं। लैंसडाउन में हैं कुछ ख़ास जगह जिनमें यहाँ का सबसे ऊंचा स्थान टिप इन टॉप प्वाइंट है, जो समुद्र तल से 1700 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां से हिमालय के मनोरम दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। यह स्थान शहर से करीब 1.5 किलोमीटर दूर है और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का स्थान है।
वन्यजीव प्रेमी
वन्यजीव प्रेमी भी यहाँ के कालागढ़ टाइगर रिजर्व को घूम सकते हैं।ये 300 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां सैलानी बाघ, हाथी, गोरल, काकड़, सांभर,साही और पाढ़ा की झलक देख सकते हैं। इसके अलावा यहां औषधीय पौधों और विभिन्न प्रकार के सरीसृप की प्रजातियां भी पाई जाती हैं। यहाँ बना है एक ऐसा ऐतिहासिक चर्च जिसे अंग्रेजों ने सन् 1880 में बनवाया था जिसका नाम है सेंट जॉन्स चर्च। यह चर्च भारत सरकार को 1951 में सौंपा गया। इस चर्च की कोई एंट्री फीस नहीं है और यहां सुबह 8 से शाम 5 बजे तक जा सकते हैं।
यहाँ भीम पकोड़ा भी लैंसडाउन का एक रोमांचक स्थल है। यहां दो बड़े पत्थर एक के ऊपर एक रखे हैं, जो अपने बनावट के लिए प्रसिद्ध हैं। यह लैंसडाउन शहर से 2 किमी की दूरी पर है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहाँ का स्नो व्यू प्वाइंट से सर्दियों में हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों के नज़ारे देखने लायक़ होते हैं। सर्दियों में यह नज़ारा बिलकुल स्वर्ग जैसा प्रतीत होता है साथ ही स्थान अपने शांत और ठंडे वातावरण के लिए लोगों को भाता है।
लैंसडाउन में ट्रेकिंग और कैंपिंग
लैंसडाउन में ट्रेकिंग और कैंपिंग की जगह हैं जहां दोस्तों और परिवार के साथ प्रकृति का आनंद उठाया जा सकता है साथ ही यहाँ की मानव निर्मित भुलताल झील में बोटिंग कर सकते हैं। यदि एडवेंचर का शौक़ रखते हैं तो लैंसडाउन एक लाजवाब विकल्प है। धार्मिक लोगों के लिए भी यहाँ लैंसडाउन से क़रीब 38 किमी दूर ताड़केश्वर धाम मंदिर है जो देवदार के पेड़ों से घिरा एक शांत वातावरण का हिस्सा है जिसके कारण ये प्रसिद्ध मंदिर पर्यटकों को अच्छा लगता हैं। यदि आप लैंसडाउन घूमने का सोच रहे हैं तो मई से सितंबर में यहाँ जा सकते हैं।इस वक्त यहाँ पर सुहाना मौसम होता है जिस्म यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्यता का आनंद उठाया जा सकता है। लैंसडाउन में रहने के लिए भी अच्छे विकल्प हैं। यहाँ 5 स्टार होटल से ले कर सस्ते और एक अतिथिगृह हैं जहां लोगों को अपनेपन का एहसास के साथ घूमने का भी मज़ा दोगुना हो जाएगा।