US Election 2024: ये पांच कारण जिनसे डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को दी कड़ी शिकस्त
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी जीत की घोषणा कर दी है। उन्होंने इलेक्टोरल वोटों में निर्णायक बढ़त लेते हुए दोपहर तक 277 वोट हासिल कर लिए हैं। आखिर ऐसी कौन-सी प्रमुख वजहें थीं, जिन्होंने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस को हार का सामना करने पर मजबूर कर दिया?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी जीत की घोषणा कर दी है। उन्होंने इलेक्टोरल वोटों में निर्णायक बढ़त लेते हुए दोपहर तक 277 वोट हासिल कर लिए हैं। आखिर ऐसी कौन-सी प्रमुख वजहें थीं, जिन्होंने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस को हार का सामना करने पर मजबूर कर दिया?
1. आर्थिक मुद्दों पर ट्रंप को प्राथमिकता
कई मतदाताओं के लिए अर्थव्यवस्था एक मुख्य मुद्दा बनी रही, और ट्रंप को आर्थिक मामलों में अधिक भरोसेमंद माना गया। मतदाताओं का बड़ा हिस्सा मानता है कि ट्रंप की आर्थिक नीतियां देश को लाभ पहुंचा सकती हैं, जिससे स्वतंत्र मतदाताओं का झुकाव ट्रंप की ओर बढ़ गया।
2. भरोसे की कमी
श्वेत मतदाताओं में ट्रंप की लोकप्रियता ने उन्हें स्पष्ट बढ़त दिलाई। ट्रंप का "चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता" का संदेश लोगों के बीच भरोसा कायम कर पाया, जबकि कमला हैरिस को इस मामले में व्यापक समर्थन नहीं मिल सका। इससे एक बड़ा मतदाता वर्ग ट्रंप के समर्थन में आ गया।
3. भाषण शैली में कमी
कमला हैरिस की संचार शैली और भाषणों की अस्पष्टता ने उन्हें आलोचना का सामना करवाया। मतदाताओं ने उनके अनिर्णायक बयानों से निराशा व्यक्त की, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े हुए। इसके विपरीत, ट्रंप का सीधा और स्पष्ट संदेश मतदाताओं को उनकी ओर खींचने में सफल रहा।
4. स्विंग स्टेट्स में विफलता
स्विंग स्टेट्स, जो चुनाव परिणामों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं, में ट्रंप को हैरिस पर बढ़त मिली। इन राज्यों में ट्रंप के पक्ष में इलेक्टोरल वोट अधिक संख्या में जाने से उनकी जीत सुनिश्चित हुई, जबकि हैरिस वहां पर्याप्त समर्थन जुटाने में असफल रहीं।
5. डेमोक्रेटिक पार्टी में असंतोष
डेमोक्रेटिक पार्टी के मतदाता हैरिस की उम्मीदवारी को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे। पिछले चार वर्षों में पार्टी का मजबूत नेतृत्व न दे पाना, मतदाताओं के असंतोष का एक प्रमुख कारण बना। ट्रंप के सीधा और सटीक संदेश के मुकाबले, हैरिस की नीतियों में स्पष्टता और ठोस दिशा की कमी महसूस की गई।