Layoffs: इतनी बड़ी छंटनी, हजारों नौकरियां गईं

2023 में रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने के बाद 2024 में स्टार्टअप्स की छंटनी में गिरावट देखने को मिली है। बीते डेढ़ साल की उथल-पुथल के बाद इंडिया का स्टार्टअप इकोसिस्टम अब स्टेबल होने लगा है। 

Advertisement

By Harsh Verma:

2023 में रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचने के बाद 2024 में स्टार्टअप्स की छंटनी में गिरावट देखने को मिली है। बीते डेढ़ साल की उथल-पुथल के बाद इंडिया का स्टार्टअप इकोसिस्टम अब स्टेबल होने लगा है। 

Layoffs.ai की रिपोर्ट के मुताबिक 
-2023 में 92 कंपनियों ने 16 हजार 398 एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाला था
-जबकि 2024 में ये 32 कंपनियों ने करीब 9 हजार एम्प्लॉइज को हटाया है 

आर्थिक संकट और कंज्यूमर्स की बदलती आदतों ने फाइनेंस, रिटेल और एजुकेशन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा जॉब्स को खत्म किया है। Layoffs.ai की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस साल
-फाइनेंस सेक्टर में 3,709 कर्मचारियों की नोकरी गई है
-जबकि रिटेल सेक्टर में 1,401 और एजुकेशन-टेक कंपनियों में 1,125 जॉब्स खत्म हुईं हैं

स्टार्टअप वर्ल्ड में layoffs के साथ-साथ नई जॉब्स के मौके भी घटे हैं। सरकार के Startup India डेटा के मुताबिक

-2023 में 3.9 लाख नई जॉब्स बनी थीं
-जबकि 2024 में ये घटकर 1.78 लाख रह गईं

Layoffs में कंपनियों की बात करें तो जहां सबसे ज्यादा लोगो की नौकरियां गई हैं उनमें सबसे ऊपर है 
-Paytm जिसने इस साल साढ़े 3 हजार कर्मचारियों को हटाया है
-वहीं Flipkart ने 1100 
-Byju’s और Ola Electric ने 500-500 
-और Swiggy ने 400 लोगों की छंटनी की हैं

अगर शहरों के हिसाब से बात करें तो बेंगलुरु और नोएडा के स्टार्टअप्स में सबसे ज्यादा छंटनी हुई है।  Layoffs.ai की रिपोर्ट के मुताबिक 

-बेंगलुरु की 4 हजार 486 कर्मचारियों के साथ कुल छंटनी में 50.4 फीसदी हिस्सेदारी रही है 
-नोएडा का 3500 छंटनी के साथ 39.3 परसेंट
-दिल्ली का 375 नौकरियों के कम होने से 4.2 परसेंट
-और चेन्नई का 315 layoff के साथ कुल छंटनी में साढ़े 3 परसेंट हिस्सा है 

जानकारों के मुताबिक ये छंटनी स्टार्टअप्स की तरफ से मुनाफे और efficiency पर ध्यान देने की वजह से हो रही है। कोरोना के दौरान हुए आक्रामक विस्तार के बाद कंपनियां अब ऑपरेशन्स को सरल और किफायती बना रही हैं। पेंडेमिक के बाद, जिन स्टार्टअप्स के पास वेंचर कैपिटल का मजबूत साथ था, उन्होंने ग्रोथ की। लेकिन, जो शुरुआती स्टेज की फंडिंग पाने में असफल रहे, उन्हें layoffs और बंद होने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उम्मीद की जा रही है कि 2025 में हालात बेहतर हो जाएंगे। 2024 के IPOs के बाद इन्वेस्टर्स की नई डिमांड के चलते 2025 में हायरिंग में ग्रोथ देखी जाएगी। हालांकि छंटनी कम होने का ये ट्रेंड केवल भारत तक सीमित नहीं है। 

Layoffs.ai की रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में ग्लोबल लेवल पर बड़ी टेक कंपनियों ने करीब 2.48 लाख एम्प्लॉइज को हटाया था। जो 2024 में घटकर करीब 1.41 लाख रह गया है। वैसे AI-की वजह से ऑपरेशनल एफिशियंसी बढ़ेगी जिससे मामूली छंटनी जारी रह सकती है। लेकिन अब कंपनियों का जोर स्किलिंग और रीस्किलिंग पर है जिससे रोजगार के मौके बढ़ेंगे।

Read more!
Advertisement