Sitharaman बोलीं UPA ने अर्थव्यवस्था का किया सत्यानाश, इनकी नीति नेशन फर्स्ट नहीं, फैमिली फर्स्ट
कोविड के बाद PM मोदी ने देश को उबारा। कॉमनवेल्थ गेम्स की वजह से दुनिया में भारत की बदनामी हुई थी। UPA सरकार ने कोल स्कैम के जरिए पूरे देश को बहुत बड़ा झटका दिया। आपने कोयला को राख बना दिया।

वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने शुक्रवार को UPA और NDA के 10 साल का कामकाज पर श्वेत पत्र पर स्पीच दी। वित्त मंत्री ने कहा कि 10 साल के कामकाज पर ये श्वेत पत्र बड़ी ही जिम्मेदारी के साथ रखा गया है। सीतारमण ने कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला, कोल स्कैम, NPA, कोल ब्लॉक एलोकेशन जैसे मुद्दों के जरिए UPA सरकार पर निशाना साधा। सीतारमण ने कहा कि UPA की नीति कभी भी नेशन फर्स्ट की नहीं रही। इन्होंने फैमिली फर्स्ट नीति रखकर अर्थव्यवस्था को बदहाल कर डाला। सीतारमण ने कहा कि इन्होंने जो सत्यानाश किया, उसे हमने सुधारा और आज ये मगरमच्छ के आंसू रो रहे हैं। स्पीच के अंत में सीतारमण ने कहा कि हमारी जिम्मेदार सरकार ने अर्थव्यवस्था को बहुत खराब स्थिति से उबारा है। आज यहां पहुंचे हैं तो 10 साल की मेहनत है। 2047 में विकसित भारत बनाने वाले हम ही होंगे। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था पर 59 पेज का श्वेत पत्र पेश किया था। इसमें बताया गया है कि जब 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी। 2014 में जब मोदी सरकार आई तो उसने कठोर फैसले लिए, जिससे अर्थव्यवस्था पटरी पर आई।
सीतारमण की स्पीच की 5 अहम बातें...
1. 2008 में ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस उतनी गंभीर बात नहीं थी, जितनी की कोविड-19। मोदी सरकार ने देश को कोविड के हालात से उबारा। ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के दौरान UPA सरकार को गंभीरता से काम करना था।
2. UPA सरकार ने देश के हित की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया। घोटालों पर घोटाले होते रहे और इन लोगों ने देश को बुरे हालात में छोड़ दिया। कोल स्कैम की वजह से देश को 1.86 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। ये कैग की रिपोर्ट में लिखा है।
3. कोल सेक्टर का ये सत्यानाश कर गए। हमने ट्रांसपेरेंट तरीके से सुधार किया। 2020 से 9 बार ऑक्शन में कोल ब्लॉक का एलोकेशन हुआ। हमने पीछे के दरवाजे से मेरे भाई, मेरे बहन, मेरे भतीजे को एलोकेशन नहीं दिया है।
4. आपने कोयला को राख बना दिया। हमने अपनी नीतियों के तप से कोयले को हीरा बना दिया।
5. हमने 10 साल तक मेहनत की। कमजोर हो चुकी 5 अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में से देश को टॉप 5 इकॉनमी की स्टेज में लेकर आए। इसके बाद हमारी सरकार ने बहुत जिम्मेदारी के साथ ये श्वेत पत्र सदन में रखा है।
लोकसभा में श्वेत पत्र पर बहस
कॉमनवेल्थ गेम्स के कारण भारत की बदनामी हुई
कॉमनवेल्थ गेम्स के कारण भारत की दुनिया में बदनामी हुई। पूरी दुनिया ने देखा कि पिछली सरकार में टॉयलेट्स नहीं बन पाए, घर नहीं पाए, गेम्स विलेज नहीं बन पाया और करोड़ों का घोटाला हुआ। हमारी सरकार G20 के जरिए पूरे देश को एक साथ लेकर चली और देश का गौरव बढ़ाया।
कोयला घोटाले से 1.86 करोड़ का नुकसान
कोयला घोटाले पर वित्त मंत्री ने विपक्ष को जमकर फटकार लगायी। उन्होंने कोयला घोटाले सहित और भी कई मुद्दे पर तत्कालीन UPA की सरकार से कई घोटालो पर प्रशन खड़े किये।
2047 में विकसित भारत बनाएंगे- निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री ने कहा- मार्च 2014 में टॉप 200 कंपनियों का बैंकों पर 8.6 लाख करोड़ बकाया था। 44 फीसदी प्रॉब्लम ये थी कि एसेट की पहचान तक नहीं की। हमने 4 रिफॉर्म्स किए, कानून लाए, बैंकों का मर्जर किया, प्रोफेशनल बोर्ड और इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स बनाए। आज उसका रिजल्ट देख रहे हैं। एनपीए में गिरावट आई। 3.2 फीसदी पर आ गया है। पब्लिक सेक्टर बैंक की कमाई बढ़ गई है। बैंक कर्ज में डूबे थे और आज वो जन कल्याण के स्तंभ बन रहे हैं। मैंने बताया कि बैड गवर्नेंस, बैड डिसीजन का क्या असर हुआ, ये बताया। हमारी सरकार के अच्छे कदमों के ऊपर ट्रांसपेरेंसी से सारी बातें रखी हैं। आज इकॉनमी अच्छे स्तर पर पहुंची है। जिम्मेदार सरकार के नाते आने वाली पीढ़ियों को खराब स्थिति से उबारा है। आज यहां पहुंचे हैं तो 10 साल की मेहनत है। 2047 में विकसित भारत बनाने वाले हम होंगे।
NPA को बैंक कैसे सुधारेंगे- वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने कहा- 1950 में मुंद्रा स्कैम हुआ था। हरिदास मुंद्रा कोलकाता के इंडस्ट्रियलिस्ट थे। उनकी कंपनी को LIC के जरिए इन्वेस्टमेंट करने को कहा गया। 1.26 करोड़ रुपए LIC के जरिए डलवाए गए। जब ये घोटाला सामने आया तो उस वक्त के फाइनेंस मिनिस्टर को बलि का बकरा बनाकर हटा दिया गया। 2004 से लेकर 2014 तक फोन बैंकिंग के ऊपर फोन घुमाओ लोन पाओ एडवर्टाइजमेंट था। सिफारिशों की सौगात से ही NPA संकट शुरू हुआ। NPA को सुधारने के लिए जब हम चले तो देखा कि गलत आदमी को लोन देने के लिए बैंक को बोल रहे हैं। एनपीए होने पर कोई कागज का टुकड़ा भी नहीं है, बैंक इसे कैसे सुधारेंगे।
SBI के चेयरमैन को इसलिए परेशान किया, क्योंकि उन्होंने लोन नहीं दिया था- निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री ने कहा- व्हाइट पेपर में बैंकों से खिलवाड़ करने का UPA सरकार का चरित्र दिखता है। इन्होंने पावर का गलत इस्तेमाल किया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 1976 में एक चेयरमैन थे, उन्होंने इमरजेंसी के वक्त में एक पसंदीदा पार्टी को लोन नहीं दिया था। CBI ने उन्हें इतना सताया, क्योंकि इनके रिश्तेदार या दोस्त को लोन नहीं दिया था। उन्हें हटा दिया गया था।
सच्चाई सामने आई तो सह नहीं पा रहे- निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री बोलीं- इस साल 900 मिलियन टन तक कोल प्रोडक्शन हुआ। आने वाले टाइम में एक बिलियन तक पहुंचेगा। 2013-14 में 567 मिलियन टन प्रोडक्शन हुआ था। UPA के जमाने की तुलना से पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग में कैपिटल एक्सपेंडेचर 3-4 गुना हुआ है। ये प्राइवेट सेक्टर के ऊपर पर बोलते हैं। ये सह नहीं पा रहे हैं कि इनके सरकार के कार्यकाल के बारे में सच्चाई सामने आ रही है।
विपक्ष संसद में बैठकर हल्ला करता है, हमें सुनिए- वित्तमंत्री
निर्मला सीतारण बोलीं, विपक्ष वॉकआउट करते हैं, नहीं तो यहां बैठकर हल्ला करते हैं। इनके पास चुनौती नहीं है। चुनौती देती हूं कि बैठकर सुनिए और जवाब दीजिए। डिस्टर्ब ना करिए। कोई भी रहे यहां PM, महिला कोई भी हो, ये बस चिल्लाते रहते हैं।
राज्यों से हजारों करोड़ का कलेक्शन हुआ, विकास के कई काम हुए- सीतारमण
वित्तमंत्री बोली, छत्तीसगढ़ में 12 हजार करोड़ कलेक्शन हुआ, झारखंड में 11 हजार 600 करोड़, कर्नाटक में 4,400 करो़ड़, राजस्थान में 8730 करोड़, नॉर्थ ईस्ट में मेघालय में 19 हजार करोड़ कलेक्शन हुआ। DMF से क्योंझार में डिजिटल डिस्पेंसरी बनाई गई। चाईबासा मॉडल आंगनबाड़ी का कंस्ट्रक्शन हुआ। वेस्ट सिंहभूम में कुपोषण मिटाने का काम हो रहा है।
हमने कोयले को हीरा बना दिया
कोविड के बाद PM मोदी ने देश को उबारा। कॉमनवेल्थ गेम्स की वजह से दुनिया में भारत की बदनामी हुई थी। UPA सरकार ने कोल स्कैम के जरिए पूरे देश को बहुत बड़ा झटका दिया। आपने कोयला को राख बना दिया। हमने अपनी नीतियों के तप से कोयले को हीरा बना दिया। आज वही हीरा खनिज क्षेत्र में डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फाउंडेशन के रूप में अपनी चमक फैला रहा है। ये फंड हमारे कानून से एस्टैबलिश हुआ है। इस फंड से 84 हजार 900 करोड़ फंड जनेरेट हुआ है।