बचत करने में भारतीयों का पूरी दुनिया में अलग ही स्वैग है!

बचत करने में भारतीयों ने पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। हाल ही में आई SBI की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सेविंग्स के मामले में चौथे स्थान पर है।

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By Harsh Verma:

बचत करने में भारतीयों ने पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। हाल ही में आई SBI की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सेविंग्स के मामले में चौथे स्थान पर है। भारतीयों का सेविंग रेट ग्लोबल एवरेज से ज्यादा है। साथ ही, फाइनेंशियल सेविंग्स का हिस्सा भी तेजी से बढ़ रहा है। 

SBI की रिपोर्ट के हिसाब से 2014 में परिवारों की कुल बचत में फाइनेंशियल सेविंग्स जैसे शेयर, डिबेंचर का हिस्सा 36 परसेंट था। ये 2024 में बढ़कर 52 परसेंट हो चुका है ।

भारतीय परिवारों की सेविंग्स में फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट्स यानी शेयर, डिबेंचर और म्यूचुअल फंड का हिस्सा लगातार बढ़ रहा है। GDP के परसेंटेज के हिसाब से 
भारत में सेविंग रेट 30.2 फीसदी है 
जो ग्लोबल एवरेज 28.2 परसेंट से ज्यादा है

इस मामले में अगर दूसरे देशों से भारत के सेविंग रेट की तुलना की जाए तो 

-चीन का सेविंग रेट 46.6 परसेंट
-इंडोनेशिया का 38.1 फीसदी 
-रूस का 31.7 फीसदी 
-ब्राजील का साढ़े 18 परसेंट
-अमेरिका का 18.1 फीसदी 
-और ब्रिटेन का सेविंग रेट 17.4 परसेंट है

रिपोर्ट बताती है कि भारतीय फैमिलीज़ अब बैंक डिपॉजिट्स और करंसी की जगह म्यूचुअल फंड, शेयर मार्केट और दूसरे निवेश विकल्पों में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2014 में GDP का महज 0.2 फीसदी हिस्सा शेयर और डिबेंचर में निवेश किया जाता था। जो 2024 में बढ़कर 1 फीसदी हो गया है।

SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल औसतन 3 करोड़ डीमैट खाते खोले जा रहे हैं। इनमें से 40 फीसदी इन्वेस्टर्स 30 साल से कम उम्र के हैं और हर चौथी इन्वेस्टर एक महिला है।  इससे संकेत मिलता है कि भारत की युवा पीढ़ी निवेश के प्रति काफी जागरुक है। रिपोर्ट के मुताबिक

-महाराष्ट्र में 27.7 फीसदी निवेशक महिला हैं
-और दिल्ली में 29.8 परसेंट इन्वेस्टर्स महिलाएं हैं

ये एक पॉजिटिव बदलाव है, जो देश के आर्थिक हालात को और मजबूत कर रहा है। हालांकि, 2022-23 में फाइनेंशियल सेविंग्स में थोड़ी कमी आई थी, लेकिन ये अस्थाई साबित हुआ। अब भारतीय परिवार अपनी सेविंग्स को नए और आधुनिक विकल्पों में निवेश कर रहे हैं। अगर सरकार और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स इस चलन को ज्यादा सपोर्ट करेंगे, तो भारत सेविंग्स के मामले में दुनिया के टॉप 3 देशों में अपनी जगह बना सकता है।

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