सरकार की नई योजना, क्या है ‘ग्रीनवॉशिंग’ और कैसे इससे बचें
नवरात्रि और दशहरा के साथ ही भारत में फेस्टिव सीजन शुरू होने वाला है। इस दौरान बड़े ब्रांड्स और ई-कॉमर्स कंपनियों की सेल भी होंगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस समय आपको 'ग्रीनवॉशिंग' का शिकार भी हो सकते है? जिससे सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए तैयारियां भी कर ली हैं। अब हम जानते है कि आखिरकार ग्रीनवॉशिंग होती क्या है?

नवरात्रि और दशहरा के साथ ही भारत में फेस्टिव सीजन शुरू होने वाला है। इस दौरान बड़े ब्रांड्स और ई-कॉमर्स कंपनियों की सेल भी होंगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस समय आपको 'ग्रीनवॉशिंग' का शिकार भी हो सकते है? जिससे सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए तैयारियां भी कर ली हैं। अब हम जानते है कि आखिरकार ग्रीनवॉशिंग होती क्या है?
ग्रीनवॉशिंग का मतलब
ग्रीनवॉशिंग तब होता है जब कंपनियां अपने Products को इस तरह दिखाती हैं जैसे वे पर्यावरण के लिए अच्छे या सेहतमंद हैं, जबकि वास्तव में ऐसा नहीं होता। यह Consumers को धोखा देने का तरीका है।
सरकार की योजना
कंज्यूमर मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा है कि ग्रीनवॉशिंग को रोकने के लिए सरकार गाइडलाइंस बना रही है। ये गाइडलाइंस Misleading Advertisements पर नियंत्रण करेंगी। कंपनियों को अपने Products की सही जानकारी देनी होगी। साथ फेस्टिव सेल पर नजर रखने के साथ-साथ सरकार नवरात्रि और दिवाली के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वारा दिए जाने वाले आकर्षक ऑफर्स पर भी ध्यान देगी। अगर कंपनियां ग्राहकों को धोखा देने वाले फर्जी ऑफर्स पेश करेंगी, तो सरकार उनके खिलाफ एक्शन ले सकती है।
Consumers की जिम्मेदारी
सरकार के साथ-साथ आपको भी सावधान रहना चाहिए जिससे आप इस ग्रीनवॉशिंग’ यानि (Misleading Advertisements) के शिकार न बन सके। किसी भी उत्पाद को खरीदने से पहले उसकी सही जानकारी चेक करें। विज्ञापनों पर blindly विश्वास करने से बचें। हालांकि ग्रीनवॉशिंग एक गंभीर समस्या बनती जा रही है , जो Consumers को नुकसान पहुंचा सकती है। सरकार की तैयारी और आपकी जागरूकता से ही इस समस्या से निपटा जा सकता है। सही जानकारी और जागरूक होने से ही आप ऐसे शिकार से बच सकते है।