चुनाव से पहले शहरों में महंगाई रोकने की कोशिश कर रही है सरकार

क्रिसिल की मार्केट इंटेलिजेंस और एनालटिक्स यूनिट ने कहा है कि शहरी इलाकों के उच्च आय वर्ग पर महंगाई दर का सबसे कम असर देखा गया है। दरअसल, महंगाई दर में सबसे ज्यादा उछाल लाने का काम सब्जियों की महंगाई ने किया है।

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जुलाई में रिटेल महंगाई दर बढ़कर 15 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई
जुलाई में रिटेल महंगाई दर बढ़कर 15 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई

By BT बाज़ार डेस्क:

जुलाई में रिटेल महंगाई दर बढ़कर 15 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। जुलाई में रिटेल महंगाई दर 7.44 फीसदी रही जबकि जून में ये आंकड़ा 4.87 फीसदी था। इस महंगाई से वैसे तो हर कोई कम या ज्यादा परेशान है लेकिन अब घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जुलाई में रिटेल महंगाई दर में आए उछाल का सबसे ज्यादा असर शहरी गरीबों पर पड़ा है। क्रिसिल की मार्केट इंटेलिजेंस और एनालटिक्स यूनिट ने कहा है कि शहरी इलाकों के उच्च आय वर्ग पर महंगाई दर का सबसे कम असर देखा गया है। दरअसल, महंगाई दर में सबसे ज्यादा उछाल लाने का काम सब्जियों की महंगाई ने किया है। इसके असर से जुलाई में खाद्य मंहगाई दर जून के 4.55 फीसदी से उछलकर 11.55 परसेंट पर पहुंच गई वहीं जुलाई में वेजिटेबल इंडेक्स में तो 38 फीसदी से भी ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया है। इसी तरह फूड प्राइस इंडेक्स भी जुलाई में 6.7 फीसदी बढ़ा है।

लेकिन इस बढ़ी हुई खाद्य महंगाई दर से देश के उच्च आय वर्ग के मुकाबले शहरी निम्न आय वर्ग ज्यादा परेशान है क्योंकि खपत वाले उत्पादों में खाद्य उत्पादों की हिस्सेदारी उच्च आय वर्ग के लिए तुलनात्मक तौर पर कम होती है। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक शहरी इलाकों में निचले 20 फीसदी आय समूह के लिए जुलाई में रिटेल महंगाई दर जून के 4.9 फीसदी के मुकाबले साढ़े 8 परसेंट रही जबकि ग्रामीण इलाकों में ये जून के 4.7 फीसदी से बढ़कर 7.9 परसेंट पर पहुंच गई। वहीं टॉप 20 परसेंट इनकम वाले ग्रुप के लिए रिटेल महंगाई दर शहरी इलाके में 7.1 फीसदी रही जबकि ग्रामीण इलाकों में ये 7.3 परसेंट रही।

इस तरह शहरी इलाकों के उच्च आय वाले तबके पर ऊंची महंगाई दर का सबसे कम असर देखने को मिला है। महंगाई को लेकर RBI के बुलेटिन में भी चिंता जताई गई है जिसके मुताबिक

जुलाई सितंबर तिमाही में रिटेल महंगाई दर 6% से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया है। इसके साथ ही जून में महंगाई में जो इजाफा हुआ उसकी रफ्तार जुलाई में ज्यादा तेजी से बढ़ी है और अगस्त में खाद्य वस्तुओं की कीमतों के डेटा से अनुमान मिला है कि दालों और अनाज के दाम में आगे भी बढ़ोतरी होगी।

ऐसे में महंगाई से लोगों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद नहीं है और शहरों में निम्न आय वर्ग को इससे सबसे ज्यादा तकलीफ होगी।

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