दिवाली से पहले मिल सकती है बड़ी खुशखबरी!
इनडायरेक्ट टैक्स कम हो जाएगा जिससे महंगाई से परेशान लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। Group of Minsters ने दवाइयों और ट्रैक्टर्स समेत कई जरुरी सामानों पर जीएसटी दर में कटौती के संकेत दिए हैं।

इनडायरेक्ट टैक्स कम हो जाएगा जिससे महंगाई से परेशान लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। Group of Minsters ने दवाइयों और ट्रैक्टर्स समेत कई जरुरी सामानों पर जीएसटी दर में कटौती के संकेत दिए हैं। अगर रेट घटाने का ये फैसला लिया जाता है तो फिर इन सामानों पर GST दर को 5 फीसदी किया जा सकता हैफिलहाल ट्रैक्टर्स पर अलग अलग सेगमेंट्स के हिसाब से 12 से 28 फीसदी तक GST लगाया । ता है l
सीमेंट पर GST में कोई बदलाव नहीं
इसी बीच ये जानकारी भी सामने आ रही है कि सीमेंट पर GST में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। GST रेट रैशनलाइजेशन पैनल ये भी चर्चा कर रहा है कि ट्रैक्टर्स पर GST को कम करने से होने वाली नुकसान की भरपाई के लिए 40 लाख रुपये से ज्यादा दाम वाले EVs पर GST बढ़ाया जाए, फिलहाल इन प्रीमियम EVs पर महज 5 परसेंट GST लगाया जाता हैl
स्वास्थ्य और टर्म बीमा पर GST
इस बीच ये भी खबर आ रही है कि स्वास्थ्य और टर्म बीमा पर GST में कमी की उम्मीद है। स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 12 परसेंट करने का सुझाव है, जबकि टर्म बीमा पर 5 फीसदी टैक्स लगने की संभावना है। कुछ सुझावों में टर्म बीमा पर GST खत्म करने की बात भी हुई थी लेकिन इससे सप्लायर्स को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलेगा जिससे ये कम आकर्षक हो जाएगाl इसलिए टर्म बीमा पर 5 परसेंट जीएसटी लगाया जाना ज्यादा बेहतर विकल्प नजर आ रहा है।
4 GST स्लैब
इस बीच ये भी तकरीबन साफ नजर आ रहा है कि 4 GST स्लैब को घटाकर तीन करने का कोई विचार नहीं है। लेकिन कई आइटम्स पर GST रेट को 12 फीसदी से घटाकर 5 परसेंट और कुछ को 12 से बढ़ाकर 18 परसेंट करने का विचार है। ये कदम भी 'थ्री रेट स्ट्रक्चर'की तरफ बढ़ने का संकेत नजर आ रहा हैl मंत्रियों का समूह 19 अक्टूबर को बैठक करेगा इसके बाद जीएसटी रेट रैशनलाइजेशन पैनल की बैठक 20 अक्टूबर को होगी तब तक फिटमेंट समिति इसका ब्यौरा तैयार कर लेगी। फिलहाल कुछ राज्य वित्त मंत्रियों का समूह 'थ्री रेट स्ट्रक्चर' के समर्थन में है, जबकि केरल, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य मौजूदा सिस्टम के पक्ष में हैं l
GST रेट में अगर खबरों के मुताबिक बदलाव होते हैं तो फिर रेवेन्यू लॉस पर सरकार को काफी काम करना होगा। दवाइयों पर जीएसटी को 12 फीसदी से 5 परसेंट करने से केंद्र और राज्यों को 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा हो सकता है। स्वास्थ्य बीमा भी जीएसटी में 8 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान करता है। 18 फीसदी और 28 परसेंट वाले जीएसटी स्लैब राजस्व में सबसे ज्यादा योगदान करते हैं। जिसमें 28 परसेंट का स्लैब लगभग करीब 72 से 73 फीसदी का योगदान करता हैl
यानी मंत्रियों का समूह GST को लेकर कोई भी फैसला करने से पहले दूसरे विकल्पों से इसकी भरपाई पर जरुर विचार करेगा।