Monetary Policy: अब RBI भी सस्ता करेगा कर्ज?
RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग इस हफ्ते 7 से 9 अक्टूबर के बीच होगी। गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली इस मीटिंग में रेपो रेट में बदलाव करने या स्थिर रखने पर फैसला लिया जाएगा। बीती 9 मॉनेटरी पॉलिसी कमेटियों की बैठक से रेपो रेट साढ़े 6 फीसदी पर बरकरार है। लेकिन अमेरिका में फेड रिज़र्व के ब्याज दरों में आधा फीसदी कटौती करने के फैसले के बाद अब भारत में भी ब्याज दरों में कमी का सबको इंतजार है।

RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग इस हफ्ते 7 से 9 अक्टूबर के बीच होगी। गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली इस मीटिंग में रेपो रेट में बदलाव करने या स्थिर रखने पर फैसला लिया जाएगा। बीती 9 मॉनेटरी पॉलिसी कमेटियों की बैठक से रेपो रेट साढ़े 6 फीसदी पर बरकरार है। लेकिन अमेरिका में फेड रिज़र्व के ब्याज दरों में आधा फीसदी कटौती करने के फैसले के बाद अब भारत में भी ब्याज दरों में कमी का सबको इंतजार है। लेकिन RBI से मिल रहे संकेतों के साथ साथ इसपर आ रही दिग्गज एजेंसियों की रिपोर्ट्स की माने तो अक्टूबर में होने वाली मीटिंग में भी ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीद नहीं है। हर 2 महीने में एक बार होने वाली इस मीटिंग में RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें चौथाई फीसदी बढ़ाकर साढ़े 6 परसेंट की थीं। इसके बाद करीब 20 महीनों से RBI ने पॉलिसी रेट्स में कोई छेड़छाड़ नहीं की है। लेकिन इस महीने यानी
-18 सितंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में आधा फीसदी की कटौती की थ
-वहीं पर चार साल बाद की गई इस कटौती के बाद ब्याज दरें पौने 5 परसेंट से सवा 5 फीसदी के बीच हो गई थीं
अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है, ऐसे में इसके सेंट्रल बैंक के हर बड़े फैसले का असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ता है। हालांकि अमेरिका में 4 साल बाद ब्याज दरों में बदलाव किया गया है जबकि इन 4 साल में 20 महीने पहले तक
-RBI ने कोरोना के दौरान 27 मार्च 2020 से 9 अक्टूबर 2020) दो बार ब्याज दरों में 40 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की थीl इसके बाद अगली 10 मीटिंग्स में सेंट्रल बैंक ने 5 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की
-चार बार कोई बदलाव नहीं किया और एक बार अगस्त 2022 में आधा फीसदी की कटौती की थी
- कोविड से पहले 6 फरवरी 2020 को रेपो रेट 5.15 फीसदी पर था
लेकिन इस बार अमेरिका और चीन में ब्याज दर घटने के बाद RBI पर सभी की नजर लगी हुई हैं। हालांकि अभी तक केवल
-S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने अक्तूबर में ब्याज दर घटने का अनुमान जताया है
-वहीं SBI ने अक्तूबर में किसी भी तरह की कटौती की संभावना को खारिज किया है
-जबकि UBS ने दिसंबर से ब्याज दरों में कमी के आसार जताए हैं
-रॉयटर्स के पोल में भी पहली कटौती चौथाई फीसदी की दिसंबर की पॉलिसी में होने का दावा किया गया हैl
एक्सपर्ट्स के मुताबिक भी भारत में मार्च 2025 तक आधा फीसदी की कटौती हो सकती है।