क्यों फेमस है 'द साइकोलॉजी ऑफ मनी' बुक, क्यों दीवाने हैं इसके लोग?
आपने किताबें तो अक्सर पढ़ी होंगी लेकिन साल 2020 में आई साइकोलॉजी ऑफ मनी किताब पढ़ी है। अगर नहीं तो एक बार इस किताब को पढ़कर देखिए। पैसो के लेकर हमारा मनोविज्ञान कैसे काम करता है इस बुक में विस्तार से बताया गया है। पैसे को लेकर हम कैसे व्यवहार करते हैं इस किताब के साश्वत ज्ञान से समझ सकते हैं।

क्यों फेमस है 'द साइकोलॉजी ऑफ मनी' बुक, क्यों दीवाने हैं इसके लोग?
आपने किताबें तो अक्सर पढ़ी होंगी लेकिन साल 2020 में आई 'साइकोलॉजी ऑफ मनी' किताब पढ़ी है? अगर नहीं तो इस किताब को पढ़कर देखिए। पैसो के लेकर हमारा मनोविज्ञान कैसे काम करता है? इस बुक में विस्तार से बताया गया है। पैसे को लेकर कैसे व्यवहार करते हैं, इस किताब के शाश्वत ज्ञान से समझ सकते हैं।
दरअसल इस किताब में पैसों को लेकर कोई टिप्स नहीं दी गई है लेकिन हम पैसों को लेकर किस तरह सोचते हैं इस पर बात की गई है। आइये मैं आपको बताता हूं इस किताब से ली गई पांच ऐसी बातें जिन्हें आप अपने जीवन में उतार सकते हैं।
इसे पढ़ने से आपका दिमाग खुल जाएगा और आपको लगेगा कि पैसों को लेकर आप कितना गलत सोचते हैं और गलत फैसले लेते हैं। यह पुस्तक आपको अपने वित्तीय जीवन में तत्काल परिवर्तन देखने के लिए छोटे कदम उठाने के लिए मजबूर कर देगी।
1. पैसा कभी पर्याप्त नहीं होता
अक्सर हम पैसे को लेकर सोचते हैं कि मेरे लिए इतना पैसा पर्याप्त होगा। लेकिन अक्सर देखा गया है कि पैसा कभी पर्याप्त नहीं होता। हम अक्सर एक लक्ष्य हालिस करने के बाद दूसरे लक्ष्य की तरफ चलने लगते हैं।
Morgan Housel हमें Rajat Gupta की कहानी सुनाते हैं। Rajat Gupta के पास सबकुछ था लेकिन इसके बाद भी रजत गुप्ता पर इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप लगे और उनकी पूरी दौलत और इज्जत तार-तार हो गई
2.विस्मयकारी कंपाउडिंग
लोग पावर ऑफ कंपाउंडिंग की अक्सर बातें करते हैं लेकिन क्या हम इस कंपाउंडिंग के लिए तैयार होते हैं। क्या हम इतना इंतजार कर सकते हैं। काफी कम लोग हैं जो अपने पैसों को लंबे समय के लिए इनवेस्ट करते हैं। इस किताब में समझाया गया है कि कैसे वारेन बफेट ने आधे से ज्यादा अपनी संपत्ति 65 साल के बाद कमाई।
3. अमीर बनना और अमीर बने रहना
अक्सर हम अमीर बनना चाहते हैं लेकिन क्या आप अमीर बने रहने के लिए तैयार हैं। क्योंकि अमीर बनने के बाद इस बात की आशंका भी होती है कि आप फिर से गरीब हो जाएं। 1929 में जेसी लिवरमोर ने 30 साल की उम्र में 100 मिलियन डॉलर कमाए। लेकिन अक्टूबर 1929 में आए शेयर मार्केट क्रेश में उनकी संपत्ति एक तिहाई खत्म हो गई। लेकिन फिर उन्होंने शेयर को शॉर्ट करके पैसा कमाया और करीब 3 बिलियन डॉलर कमाया। लेकिन 1929 के बाद लिवरमोर आत्मविश्वास से भर गए और कर्जा लेकर शेयर बाज़ार में पैसे लगा दिए। उन पर कर्जा लगातार बढता चला गया औऱ आखिर में वो फिर से बर्बाद हो गए।
4. आज़ादी
अपने समय पर नियंत्रण पाना सबसे बड़ा लांभाश है। अगर आप पैसे से समय खरीद सकते हैं तो आप खुद को धनवान कह सकते हैं। समृद्धि का सबसे बड़ा स्तर ये है कि जब आप सुबह उठकर ये कह सके कि मैं जो चाहूं वो कर सकता हूं।
5. कार में बैठे आदमी का विरोधाभास
पैसा होने का सबसे बड़ा फायदा है कि इससे आप कुछ भी खरीद सकते हैं। मॉर्गन आगे लिखते हैं कि एक बार मैंने अपने बेटे को एक पत्र लिखा, उसमें लिखा था, 'तुम सोचोगे कि तुम्हे एक महंगी कार चाहिए, एक बढ़िया घड़ी और एक बड़ा घर चाहिए लेकिन मैं बता हूं कि ऐसा नहीं है। जो तुम्हे चाहिए वह है कि दूसरों से मिलने वाला सम्मान। तुम्हे ऐसा लगता है कि महंगी कार खरीदने से तुम्हे वो सम्मान मिल जाएगा। ऐसा नहीं है।