China में बेरोजगारी दर 7वें आसमान पर, हर 5वां व्यक्ति बेरोजगार
जहां एक तरफ भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर दुनियाभर के देश पूरी तरह से बुलिश नजर आ रहे हैं। वहीं भारत के पड़ोसी देश चीन की आर्थिक स्थिति बुरी तरह खराब है। भले ही चीन में कोरोना का असर कम हो गया लेकिन दूसरी ऐसी बड़ी परेशानियां खड़ी हो गई हैं। जिसके चलते चीन कराहने लगा है। मौजूदा वक्त में ड्रैगन एक दो नहीं बल्कि चौतरफा दिक्कतों से जूझ रह है। आइये बताते हैं आपको मामला क्या है?

जहां एक तरफ भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर दुनियाभर के देश पूरी तरह से बुलिश नजर आ रहे हैं। वहीं भारत के पड़ोसी देश China की आर्थिक स्थिति बुरी तरह खराब है। भले ही चीन में कोरोना का असर कम हो गया लेकिन दूसरी ऐसी बड़ी परेशानियां खड़ी हो गई हैं। जिसके चलते चीन कराहने लगा है। मौजूदा वक्त में ड्रैगन एक दो नहीं बल्कि चौतरफा दिक्कतों से जूझ रह है। आइये बताते हैं आपको मामला क्या है?
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चीन में मई के बेरोजगारी के आंकड़ों ने दुनिया को हैरान कर दिया है। नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटइस्टिक के आंकड़े बताते हैं कि चीन में 16 से 24 साल की उम्र के लोगों की बेरोजगारी दर मई में 20.8% के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। जबकि अप्रैल महीने में ये आंकड़ा 20.4% था। चीन ने कमजोर अर्थव्यवस्था इंडिकेटर की सीरीज की एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें लगातार दूसरे महीने बेरजोगारी दर अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। National Bureau Of Statistics ने एक बयान में कहा है कि कुल मिलाकर शहरी बेरोजगारी मई के महीने में 5.2% पर रही। इसका मतलब ये हुआ कि चीन के शहरों में हर 5वां शख्स बेरोजगार है। इतना ही नहीं बल्कि आने वाले दिनों में चीन में बेरोजगारी का मामला और ज्यादा बढ़ सकता है। बेरोजगारी के चलते चीनी लोगों के खर्चे पर असर पड़ा है, जिससे अर्थव्यवस्था में मांग की कमी हो गई है। इतना ही नहीं चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले साल सबसे कम शादियां हुईं। ये आंकड़ा 4 दशक में सबसे कम है। इस जनसांख्यिकीय संकट ने Jinping सरकार की चिंता और बढ़ा दी है। चीन गिरते जन्म दर से जूझ रहा है।
वहीं दूसरी ओर चीन की अर्थव्यवस्था बुरी स्थिति में है और शी जिनपिंग को समझ नहीं आ रहा है कि वो हालातों को कैसे संभाले?चीन के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि मई में चीन की आर्थिक गतिविधियां धीमी हुई हैं। अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन 5.6% से घटकर 3.5% हो गया है, जबकि रिटेल बिक्री 12.7% की रफ्तार से बढ़ी है, जो कि उम्मीद से काफी कम है। प्राइवेट बिजनेस में फिक्स्ड असेट इनवेस्टमेंट साल के पहले 5 महीनों में सिकुड़ा है और प्रॉपर्टी मार्केट में सुस्ती और गहराई है। फिलहाल चीनी सरकार ने इकोनॉमी को बचाने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रही है। शी जिनपिंग सरकार ने अतिरिक्त स्टिमुलस देने का फैसला किया है। इतना ही नहीं चीन के Central Bank ने ब्याज दरों में कटौती की है ताकि लोगों के पास पैसा आए और वो खर्चा कर सके। अर्थशास्त्री का मानना हैं कि दरों में कटौती यहीं नहीं रुकेगी बल्कि चीन का सेंट्रल बैंक आगे भी इस साल दरों में कटौती को जारी रखेगा।
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