सुपरटेक होम बायर्स को राहत, काम शुरू करने के लिए 2 हफ्तों का टाइम मिला
इससे पहले पंजाब एंड सिंध बैंक के वकील ने अदालत को बताया था कि उन्हें सुपरटेक की ओर से कोई निपटान प्रस्ताव नहीं मिला है। अरोड़ा के वकील ने कहा कि बैंक के बकाया का 100% भुगतान करने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है, और एक निवेशक भी मिल चुका है जो परियोजना को पूरा करने के लिए तैयार है।

सुपरटेक होमबायर्स के लिए बड़ी राहत की खबर है। दिवालिया हो चुकी कंपनी सुपरटेक टाउनशिप के प्रमोटर और निलंबित निदेशक राम किशोर अरोड़ा को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से दो हफ्ते का समय मिला है। एनसीएलएटी ने उन्हें अपने कर्जदाताओं और फ्लैटबायर्स के लिए निपटान प्रस्ताव पेश करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है।
अरोड़ा को यह निर्देश दिया गया है कि वह इस प्रस्ताव को वेबसाइट पर साझा करें, ताकि सभी हितधारक इसे देख सकें। यह निर्णय तीन सदस्यीय पीठ ने लिया, जिसमें कहा गया कि प्रस्ताव को पूरा करने और सभी संबंधित पार्टियों को भेजने के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाता है। अगले सुनवाई में ट्रिब्यूनल यह तय करेगा कि प्रस्ताव स्वीकार्य है या नहीं।
इससे पहले पंजाब एंड सिंध बैंक के वकील ने अदालत को बताया था कि उन्हें सुपरटेक की ओर से कोई निपटान प्रस्ताव नहीं मिला है। अरोड़ा के वकील ने कहा कि बैंक के बकाया का 100% भुगतान करने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है, और एक निवेशक भी मिल चुका है जो परियोजना को पूरा करने के लिए तैयार है।
30 जुलाई को एनसीएलएटी ने सुपरटेक के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही पर रोक लगाई थी, क्योंकि कंपनी ने पंजाब एंड सिंध बैंक के साथ विवाद सुलझाने का प्रस्ताव दिया था।
इससे पहले एनबीसीसी ने सुपरटेक के फंसे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की बात कही थी। जिस पर 21 अक्तूबर को फैसला होना है। पहले चरण में ग्रेटर नोएडा के इकोविलेज-2, नोएडा के रोमानो, कैपेटाउन, ग्रेनो के सीज़र सूट्स, इकोविलेज-3, स्पोर्ट्स विलेज और ईको-सिटी को शामिल किया जाएगा। दूसरे चरण में नॉर्थआई (नोएडा), अपकंट्री (यमुना एक्सप्रेसवे), इकोविलेज-1 (ग्रेटर नोएडा), मेरठ स्पोर्ट्स सिटी और ग्रीन विलेज शामिल होंगे। तीसरे चरण में हिलटाउन (गुरुग्राम), अराविले (गुरुग्राम), रिवरक्रेस्ट (रुद्रपुर), दून स्क्वायर (देहरादून) और मिकासा (बेंगलुरु) परियोजनाएं होंगी।