RBI MPC MEET 2025: Repo Rate कम होने से Real Estate को होगा फायदा, दिग्गजों ने बताया बढ़ेगी घरों की मांग

RBI MPC MEET 2025: भारतीय रिजर्व बैंक की द्विमासिक मद्रिक समीक्षा बैठक के फैसले आ गए हैं। इस बार रेपो रेट में 25 बीपीए की कटौती की गई है। अब रेपो रेट 6.25 फीसदी है। रेपो रेट में कटौती के बाद लोन की ईएमआई सस्ती होने की संभावना है। माना जा रहा है कि आऱबीआई एमपीसी के इस फैसले से रियल एस्टेट को लाभ होगा। 

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While the repo rate cut is a welcome move for borrowers and is expected to boost home loan demand, future rate reductions will depend on how inflation trends evolve.
While the repo rate cut is a welcome move for borrowers and is expected to boost home loan demand, future rate reductions will depend on how inflation trends evolve.

By BT बाज़ार डेस्क:

भारतीय रिजर्व बैंक की द्विमासिक मद्रिक समीक्षा बैठक के फैसले आ गए हैं। इस बार रेपो रेट में 25 बीपीए की कटौती की गई है। अब रेपो रेट 6.25 फीसदी है। रेपो रेट में कटौती के बाद लोन की ईएमआई सस्ती होने की संभावना है। माना जा रहा है कि आऱबीआई एमपीसी के इस फैसले से रियल एस्टेट को लाभ होगा। 

एमपीसी बैठक के फैसले पर अतुल मोंगा, को-फाउंडर एवं सीईओ, बेसिक होम लोन ने कहा कि मॉनेट्री पॉलिस कमेटी (एमपीसी) ने पॉलिसी रेट को 25 बेसिस पॉइन्ट्स कम कर 6.25 फीसदी तक लाने का फैसला लिया है, जिससे लोन सस्ता हो जाएगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। इससे नए और मौजूदा उपभोक्ताओं को कम ब्याज दर से लाभ मिलेगा, जिन्होंने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है। हालांकि फिक्स्ड रेट पर लोन लेने वालों पर कोई असर नहीं होगा। बैंकों और हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों को इन फायदों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में कुछ समय लग सकता है, यह उनकी पॉलिसी और रेट साइकल पर निर्भर करेगा।

रियल एस्टेट को होगा लाभ 

 अतुल मोंगा ने इसके आगे कहा कि इस फैसले से  रियल एस्टेट सेक्टर को गति मिलेगी, लोग घर खरीदने और प्रॉपर्टी में निवेश में रूचि लेंगे। आर्थिक विकास के नजरिए से देखा जाए तो उम्मीद है कि रेट कम होने से निवेश को बढ़ावा मिलेगा और उम्मीद है कि जीडीपी में भी वित्तीय वर्ष 25-26 के दौरान 6.7 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। हालांकि जीडीपी का बढ़ना आर्थिक स्थितियों, इन्फ्लेशन और डोमेस्टिक डिमांड पर भी निर्भर करता है।

केंद्र बैंक यानी आरबीआई इनफ्लेशन पर ध्यान दे रही है। उम्मीद है कि चालू वित्तीय वर्ष 25 में इन्फ्लेशन 4.8 फीसदी रह सकता है। रेपो रेट कम होने से घरों की मांग बढ़ेगी। आरबीआई का यह फैसला महंगाई को नियंत्रित करने और मनी फ्लो को संतुलित बनाए रखने के लिए लिया गया है। 

होमबॉयर्स और डेवलपर्स के लिए बूस्ट

आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हुए, एसपीजे ग्रुप के चेयरमैन पंकज जैन ने कहा, "रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके 6.25% करने का आरबीआई का निर्णय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। कम उधार लागत होमबॉयर्स और डेवलपर्स को समान रूप से बहुत जरूरी राहत प्रदान करेगी, जिससे आवास की मांग बढ़ेगी, खासकर मध्य और किफायती क्षेत्रों में। हम बेहतर तरलता और बाजार में निवेशकों के विश्वास में वृद्धि के साथ एक सकारात्मक लहर प्रभाव की उम्मीद करते हैं।

यूनिटी ग्रुप के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर कुणाल बेहरानी ने एक निरंतर उदार रुख के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह दर में कटौती आरबीआई द्वारा विकास समर्थक रुख का संकेत देती है और एक महत्वपूर्ण समय पर आती है जब रियल एस्टेट उद्योग निरंतर गति की तलाश में है। कम होम लोन ब्याज दरें अधिक खरीदारों को संपत्ति में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेंगी, जबकि डेवलपर्स को चल रही और नई परियोजनाओं के लिए कम वित्तपोषण लागत से लाभ होगा। हमें उम्मीद है कि यह एक अधिक उदार मौद्रिक चक्र की शुरुआत है जो दीर्घकालिक उद्योग विकास का समर्थन करता है।

निवेश और बाजार धारणा में सुधार की उम्मीद

एमओआरईएस के मुख्य कार्याधिकारी मोहित मित्तल ने निवेश सलाहकार के नजरिए से अपनी राय साझा करते हुए कहा, 'करीब पांच साल में पहली बार नीतिगत दर में कटौती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने की दिशा में बदलाव को दर्शाती है। रियल एस्टेट निवेशकों के लिए, यह कदम वित्तपोषण को अधिक आकर्षक बनाता है और आवासीय और वाणिज्यिक परिसंपत्तियों में नए सिरे से रुचि पैदा कर सकता है। 

केडीएमजी ग्रुप के डायरेक्टर-सेल्स एंड मार्केटिंग विवेक सिन्हा ने क्विक ट्रांसमिशन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आरबीआई द्वारा 25 बीपीएस दर में कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सही दिशा में एक कदम है। उधार लेने की लागत कम होने के साथ, हम होमब्यूयर पूछताछ में वृद्धि और बाजार की धारणा में सुधार की उम्मीद करते हैं।

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