स्मॉल कैप कंपनी Salasar Techno Engineering में कितना दम? कहां जाएगा स्टॉक?

कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझते हैं। ये कंपनी साल 2006 में शुरु हुई थी। बेसिकली Salasar Techno Engineering का काम टावर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री से जुड़ा है। ये कंपनी स्टील स्ट्रक्चर मैन्युफैक्चरिंग और EPC यानि Engineering, procurement और construction इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करती है। जिसमें बड़े-बड़े पुल से लेकर बहुत सारी चीजें कवर होती है।

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By Ankur Tyagi:

एक ऐसी स्मॉलकैप कंपनी जिसका बिजनेस ऐसे तीनों सेक्टर्स से जुड़ा है, काफी बजिंग है। इतना ही नहीं इसके क्लाइंट्स एयरटेल, जियो, बजाज, अडानी सोलर जैसी बड़ी कंपनियां है। इस स्टॉक पर चर्चा करने की कई वजह हैं, पहला तो इसके रिजल्ट्स आगे की दिशा कैसे तय कर सकते हैं? दूसरा - पिछले कुछ वक्त से स्टॉक में ताबड़तोड़ तेजी है एक महीने में ये स्टॉक 110 प्रतिशत रहा है। वहीं 6 महीने में ये स्टॉक 200 प्रतिशत से भाग चुका है। तो ये तेजी कहीं बबल वाली तो नहीं है, कहीं ये स्टॉक धड़ाम तो नहीं हो जाएगा? 

तो सबसे पहले कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझते हैं। ये कंपनी साल 2006 में शुरु हुई थी। बेसिकली Salasar Techno Engineering का काम टावर मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री से जुड़ा है। ये कंपनी स्टील स्ट्रक्चर मैन्युफैक्चरिंग और EPC यानि Engineering, procurement और construction इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करती है। जिसमें बड़े-बड़े पुल से लेकर बहुत सारी चीजें कवर होती है। तो सबसे पहले टेलीकॉम्यूनिकेशन की बात करते हैं। पिछले 10 सालों से कंपनी इस बिजनेस में है। Salasar Techno बड़े-बड़े टावर जैसे पोर्टेबल टावर, एंगुलर टावर से लेकर हाईब्रिड टेलीकॉम्यूनिकेशन के डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी है। दूसरा बिजनेस पावर सेक्टर से जुड़ा हुआ है। पावर प्रोडक्शन के तहत ट्रांसमिशन, डिस्ट्रिब्यूशन में इस्तेमाल होने वाले कॉम्पोनेंट्स और सर्विस कंपनी मुहैया कराती है। यहां तक के कंपनी रेलवे के इलेक्ट्रिफिकेशन स्ट्रक्चर से जुड़ी हुई है। अब बात करते हैं रेन्यूएबल सेक्टर की। Salasar Techno विंड से लेकर सोलर प्रोजेक्ट्स से जुड़ी हुई है। कंपनी 1000 मेगावॉट के सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए सोलर मोड्यूल स्ट्रक्चर सप्लाई करती है। इसमें सोलर ट्री, सोलर वाटर पंप्स, सोलर स्ट्रीट लाइट पोल्स। वहीं विंडमिल टावर की मैन्युफैक्चरिंग का भी ये काम करती है। कंपनी का दावा है कि ये स्मार्ट सिटी के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।  कंपनी ने Visakhapatnam, Agartala, Indore, Bhopal और NCR में स्मार्ट सिटी पोल्स डिजाइन किए है। ये पोल्स LED lights, CCTVs, Pollution Sensors, WiFi, Distress Buttons, Road Information Display Systems से equipped होते हैं। यहां तक के कंपनी हेवी स्टील स्ट्रक्चर के बिजनेस से भी जुड़ी हुई है, जिसका इस्तेमाल बड़े-बड़े ब्रिज में होता है।

कंपनी का मार्केट कैप 4,641 करोड़ का है। भारत में कंपनी का बिजनेस करीब 91 प्रतिशत है तो वहीं करीब 9 प्रतिशत कंपनी एक्सपोर्ट भी करती है। इसमें कौन-कौन से देश शामिल हैं? करीब 25 से ज्यादा देशों को कंपनी अपने सर्विसेस एक्सपोर्ट करती है। जिसमें वेस्ट और ईस्ट अफ्रीका, फिलीपींस, सऊदी अरब, नेपाल, म्यामार शामिल है। इसके क्लाइंट्स भी बड़े-बड़े हैं। इनमें एयरटेल, जियो, बजाज, अडानी सोलर, जिंदल स्टील, अमेरिका टावर शामिल है।

अब रिजल्ट्स की बात करते हैं। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी के कामकाज से रेवेन्यू 304 करोड रुपए पर रहा है जो पिछली क्वार्टर में 275 करोड़ और पिछले वित वर्ष की तीसरी तिमाही में 240 करोड रुपए पर रहा था। यानि रेवेन्यू के मार्चे पर क्वार्टर और साल दर साल बढ़ोतरी हुई है। कंपनी के शुद्ध मुनाफे की बात करें तो ये 16.75 करोड रुपए पर रहा है जो पिछली तिमाही में 9.20 करोड़ और पिछले वित वर्ष की तीसरी तिमाही में 10.7 करोड रुपए पर रहा था। यानि नेट प्रॉफिट में भी बढ़ोतरी हुई है। पिछले 5 क्वार्टर से कंपनी की सेल्स बढ़ती चली जा रही है। वहीं EPS में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। तो मार्केट एक्सपर्ट राघवेंद्र सिंह का कहना है कि कंपनी का मैनेजमेंट काफी मजबूत है। कंपनी के कर्ज में लगातार सुधार हो रहा है और Q3 के नंबर्स भी बेहतर आए हैं।

अगर बात कोरोना संकट की करें तो 3 अप्रैल 2020 को 78 पैसे के निचले लेवल से सालासर टेक्नो इंजीनियरिंग के शेयर ने अब तक निवेशकों को 3670 फीसदी का बंपर रिटर्न देकर मालामाल कर दिया है। लेकिन यहां पर कुछ पहलुओं पर नजर डालने की जरूरत है। मार्च 2021 में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 74.94% थी जो अब घटकर 63.07% हो गई है। ये कितना बड़ा कंसर्न है और दूसरी बात, जितनी तेजी से ये स्टॉक भाग रहा है ऐसा तो नहीं ये बबल हो? तो इस पर मार्केट एक्सपर्ट राघवेंद्र सिंह ने कहा कि कंपनी फंडामेंटली और टेक्निकली मजबूत दिख रही है और बबल जैसी कोई स्थिति नहीं है

 सालासर टेक्नो इंजीनियरिंग ने शेयर बाजार को बताया है कि बोनस शेयर जारी करने के बाद कंपनी का पेड अप इक्विटी शेयर कैपिटल 31.57 करोड रुपए से बढ़कर 157.85 करोड रुपए हो गया है.वहीं FIIs की बात करें तो उनकी हिस्सेदारी 8.85% है। बड़े घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी जीरो है। बॉरोइंग और अदर लाइबिलिटी मिलाकर कंपनी पर करीब-करीब 500 करोड़ का कर्ज है।हाल ही में Salasar Techno Engineering ने शेयर बाजार को जानकारी दी है कि उसके बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की मीटिंग हुई थी जिसमें कंपनी ने ₹1 फेस वैल्यू के 12 करोड़ इक्विटी शेयर अलॉटमेंट की मंजूरी दे दी है।

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