China+1 Theme: चीन की बजाए भारत को क्यों पसंद कर रहा है अमेरिका?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक मांग में कमजोरी के कारण भारत और अमेरिका के बीच एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में गिरावट आ रही है, लेकिन जल्दी ही इस ट्रेंड में बदलाव आने की उम्मीद है।

दुनिया की आर्थिक महाशक्ति अमेरिका ने एक बार फिर दिखा दिया है कि चाहे दोस्ती हो या फिर बिजनेस उसके लिए चीन नहीं बल्कि भारत सबसे पहली प्राथमिकता है। जिस चीन पर दुनिया के छोटे से छोटे देश ही नहीं बल्कि सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका तक अच्छा खासा निर्भर हो। ऐसे में भारत पर व्यापार की निर्भरता बढ़ाना सीधे तौर पर चीन का पत्ता साफ करना है। जैसा कि आप जानते हैं कि चीन दुनिया को सबसे ज्यादा सामानों का एक्सपोर्ट करता है और मैन्युफैक्चरिंग जायंट भी है। अमेरिका ने इस बार चीन को किस मोर्चे पर बड़ा झटका दिया है इसमें भारत का क्या बड़ा रोल है चलिए जानते है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 के पहले छह महीनों के दौरान अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बनकर उभरा है। हालांकि इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापार भी साल भर पहले की तुलना में कम हुआ है। Ministry of Commerce and Industry के जारी शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों यानी अप्रैल से सितंबर 2023 के दौरान भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 59.67 अरब डॉलर रहा है। अगर इसकी तुलना पिछले साल के अप्रैल से सितंबर से करें तो इसमें बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला है, और साल 2022 के दौरान 67.28 अरब डॉलर रहा था। मतलब साल भर पहले की तुलना में भारत और अमेरिका का आपसी व्यापार 11.3 फीसदी कम हुआ है।
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आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों में अमेरिका को निर्यात घटकर 38.28 अरब डॉलर हो गया। यह पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में 41.49 अरब डॉलर रहा था। दूसरी ओर इस दौरान अमेरिका से आयात साल भर पहले के 25.79 अरब डॉलर से कम होकर 21.39 अरब डॉलर रह गया। ठीक इसी 6 महीनों में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 58.11 अरब डॉलर रहा है। यह साल भर पहले की तुलना में 3.56 फीसदी कम है। चालू वित्त वर्ष की पहले 6 में भारत से चीन को निर्यात मामूली रूप से घटकर 7.74 अरब डॉलर रह गया. यह एक साल पहले समान अवधि में 7.84 अरब डॉलर रहा था। इस दौरान चीन से आयात भी साल भर पहले के 52.42 अरब डॉलर से घटकर 50.47 अरब डॉलर पर आ गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक मांग में कमजोरी के कारण भारत और अमेरिका के बीच एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में गिरावट आ रही है, लेकिन जल्दी ही इस ट्रेंड में बदलाव आने की उम्मीद है। रिपोर्ट ने एक्सपर्ट के हवाले से बताया है कि आने वाले सालों में अमेरिका के साथ भारत के साथ व्यापार और ज्यादा बढ़ेगा, क्योंकि दोनों देश आपसी आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।