Reliance Jio की लिस्टिंग पर आ गया बड़ा अपडेट
रिलायंस जियो के IPO से प्राइवेट इक्विटी फर्मों और दूसरे निवेशकों को कंपनी से बाहर निकलने का मौका मिल सकता है। साल 2020 में इन कंपनियों और निवेशकों ने रिलायंस जियो में 20 अरब डॉलर का निवेश किया था।

देश में एक के बाद एक नए IPO आ रहे हैं और निवेशक जमकर इन IPO में पैसा लगा रहे हैं। अब मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो Mukesh Ambani अपनी एक और कंपनी को बाजार में लिस्ट कराने जा रहे हैं। देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी Reliance Jio की जल्द लिस्टिंग हो सकती है। यानि एयरटेल, वोडाफोन आइडिया की तरह ही रिलायंस जियो की भी लिस्टिंग हो सकती है। भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी की इस कंपनी ने 2016 में देश के टेलिकॉम सेक्टर में तहलका मचा दिया था। रिलायंस जियो इन्फोकॉम में दुनिया की कई दिग्गज कंपनियों की हिस्सेदारी है। इनमें मार्क जकरबर्ग की कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स, गूगल और दूसरी कंपनियां शामिल हैं। साल 2020 में अंबानी ने रिलायंस जियो की एक तिहाई हिस्सेदारी 13 विदेशी कंपनियों को बेच दी थी। यह हिस्सेदारी 57 से 64 अरब डॉलर पर बेची गई थी। लेकिन इसकी लिस्टिंग के लिए वैल्यूएशन 100 अरब डॉलर हो सकती है।
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रिपोर्ट
हिंदू बिजनसलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस ग्रुप के टॉप एग्जीक्यूटिव इस पक्ष में हैं कि जियो की लिस्टिंग की जानी चाहिए।इसकी वजह यह है कि अब यह बिजनेस काफी मैच्योर हो चुका है। इसके लिए अभी बातचीत शुरुआती स्तर पर है। लेकिन इसकी लिस्टिंग 100 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर हो सकती है। IPO के लिए शेयर की कीमत 1,200 रुपये हो सकती है। अधिकांश एनालिस्ट्स का कहना है कि रिलायंस जियो की वैल्यूएश 82 से 94 अरब डॉलर है। लेकिन मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी से इसमें इजाफा हो सकता है। माना जा रहा है कि चुनावों के बाद देश में मोबाइल टैरिफ में 25% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस बारे में प्रतिक्रिया नहीं दिया है।
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किसकी कितनी हिस्सेदारी
रिलायंस जियो के IPO से प्राइवेट इक्विटी फर्मों और दूसरे निवेशकों को कंपनी से बाहर निकलने का मौका मिल सकता है। साल 2020 में इन कंपनियों और निवेशकों ने रिलायंस जियो में 20 अरब डॉलर का निवेश किया था। इस तरह इस आईपीओ में ऑफर फॉर सेल (OFS) का एक बड़ा हिस्सा होगा। फाइनेंशियल ईयर 2024 में रिलायंस जियो का रेवेन्यू एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा और नेट प्रॉफिट 20,607 करोड़ रुपये पहुंच गया। रिलायंस के कुल रेवेन्यू में इसकी हिस्सेदारी 10% और प्रॉफिट में योगदान 29% रहा। 2020 में अंबानी ने जियो प्लेटफॉर्म्स में एक तिहाई हिस्सेदारी 13 विदेशी कंपनियों को बेच दी थी। इसमें मेटा की 9.9% और गूगल की 7.73% हिस्सेदारी शामिल हैं।