Dharavi में फरवरी से सर्वे करेगी Adani Group की कंपनी
इस इलाके को 1882 में अंग्रेजों ने बसाया था। मजदूरों को किफायती ठिकाना देने के मकसद से इसे बसाया गया था। धीरे-धीरे यहां लोग बढ़ने लगे और झुग्गी-बस्तियां बन गईं। यहां की जमीन सरकारी है, लेकिन लोगों ने झुग्गी बस्ती बना ली है।

Mumbai में स्थित एशिया के सबसे बड़े स्लम Dharavi में लोगों को रीडेवलपनमेंट के तहत फ्लैट देने के लिए Adani Group की कंपनी अगले महीने फरवरी से डेटा और बायोमेट्रिक्स इकट्ठा करना शुरू करेगी। इसमें करीब 10 लाख लोगों की डिटेल्स कलेक्ट की जाएगी। कंपनी इसके जरिए उन लोगों की पहचान करेगी जिन्हें फ्री में घर देना है। 1 जनवरी 2000 के पहले से रह रहे सभी लोगों को इसमें फ्री में मकान दिया जाना है। जबकि, जो लोग 2000 से 2011 के बीच आकर यहां बसे हैं, उन्हें इसके लिए कीमत चुकानी होगी।
7 लाख लोगों को रिलोकेट किया जाएगा
इस प्रोजेक्ट के तहत झुग्गी में रहने वाले करीब 7 लाख लोगों को रिलोकेट किया जाएगा। प्रोजेक्ट को देख रही धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (DRPPL) के CEO S.V.R. श्रीनिवास ने बताया कि अडाणी ग्रुप की कंपनी डोर-टू-डोर सर्वे में सवालों के जरिए डिटेल्स कलेक्ट करेगी।
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9 महीने में पूरा होगा सर्वे
सर्वे में धारावी में रह रहे लोगों की हिस्ट्री और मालिकाना हक के सबूत कलेक्ट किए जाएंगे और उन्हीं डिटेल्स के आधार पर उन्हें फ्री आवास का पात्र माना जाएगा। श्रीनिवास ने बताया कि सर्वे दो हिस्सों में होगा, पहला पायलट फेज, जो कुछ सौ लोगों के साथ 3-4 सप्ताह में एग्जीक्यूट किया जाएगा। जबकि, दूसरे फेज में पूरे क्षेत्र से डेटा कलेक्ट किया जाएगा, इसे पूरा होने में 9 माह का वक्त लगेगा।
लोगों को मिनिमम 350 स्क्वायर फीट के फ्लैट मिलेंगे
धारावी में लोगों को मिनिमम 350 स्क्वायर फीट के फ्लैट मिलेंगे। महाराष्ट्र सरकार और अडाणी ग्रुप के जॉइंट वेंचर में बन रहे इन फ्लैट के साइज को पुराने प्लान से करीब 17% बढ़ाया जाएगा। DRPPL के तहत बनने वाले इन फ्लैट्स में इंडिपेंडेंट किचन और बाथरूम भी होगा।
अडाणी ग्रुप ने ₹5,069 करोड़ की बोली लगाई थी
29 नवंबर 2022 को अडाणी ग्रुप की कंपनी 'अडाणी प्रॉपर्टीज' ने स्लम को रीडेवलप करने के प्रोजेक्ट की बोली जीती थी। कंपनी ने इसके लिए 5,069 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। अडाणी ग्रुप के अलावा बोली लगाने वालों में दूसरे नंबर पर DLF ग्रुप रहा था, जिसने 2,025 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी।
प्रोजेक्ट को पहली बार 1999 में प्रस्तावित किया
1999 में भाजपा शिवसेना सरकार ने पहली बार धारावी के रीडेवलपमेंट का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद 2003-04 में महाराष्ट्र सरकार ने धारावी को एक इंटीग्रेटेड प्लान्ड टाउनशिप के रूप में रीडेवलप करने का निर्णय लिया और इसके लिए एक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई और टेंडर निकाले गए। 2011 में सरकार ने सभी टेंडर को कैसिंल कर दिया और एक मास्टर प्लान तैयार किया था। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने अक्टूबर 2022 में नए टेंडर जारी किए। इससे पहले इस प्रोजेक्ट के लिए लगी बोली को उद्धव ठाकरे सरकार ने साल 2019 में कैंसिल कर दिया था।
फिल्मों से बढ़ी धारावी की लोकप्रियता, टूरिस्ट भी आते हैं
साल 2008 में 'स्लमडॉग मिलियनेयर' फिल्म के रिलीज होने के बाद इस क्षेत्र को लोकप्रियता मिली। फिल्म ने कई अवॉर्ड भी जीते। इसके बाद फिल्म गली बॉय में ये देखने को मिली थी। कई टूरिस्ट यहां भारत की बस्ती में रहने वालों के जीवन की झलक देखने आते हैं।
1882 में अंग्रेजों ने लोगों को बसाया था
इस इलाके को 1882 में अंग्रेजों ने बसाया था। मजदूरों को किफायती ठिकाना देने के मकसद से इसे बसाया गया था। धीरे-धीरे यहां लोग बढ़ने लगे और झुग्गी-बस्तियां बन गईं। यहां की जमीन सरकारी है, लेकिन लोगों ने झुग्गी बस्ती बना ली है।