Electric Car: क्या 5 लाख में भी इलेक्ट्रिक गाड़ी आ सकती है?

ग्राहकों को तीन साल के बाद 60% बायबैक मूल्य की पेशकश भी की जाती है, जिससे ये पूरी डील ठीक-ठाक लगती है। BaaS कार्यक्रम को सबसे पहले विंडसर ईवी के साथ पेश किया गया था, जिसकी कीमत 9.99 लाख रुपये थी, जिसमें बैटरी का किराया 3.5 रुपये प्रति किलोमीटर था। हालांकि, खरीदारों को 1,500 किलोमीटर ड्राइविंग के बराबर न्यूनतम मासिक बैटरी भुगतान करना होगा, जिससे कुल लागत 5,250 रुपये हो गई थी जो ग्राहकों को कार खरीदने के बाद चुकानी थी।

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MG Comet EV, ZS EV - BaaS
The MG Comet EV and the MG ZS EV now start at Rs 4.99 lakh (ex-showroom) and Rs 13.99 lakh (ex-showroom), respectively.

By Ankur Tyagi:

MG Motors ने 4.99 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर कॉमेट मिनी लॉन्च करके इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार में एक ऐसा फैसला लिया है जिसका असर दूर तक होगा। दरअसल कार की कीमत में कमी बैटरी-एज-ए-सर्विस (बीएएएस) रणनीति की वजह से आई है। अब पूछेंगे कि BaaS क्या है। दरअसल BaaS कार के साथ बाद में एड होता है जब आप कार खरीद चुके होते हैं। इससे ग्राहकों को बैटरी के उपयोग के लिए किलोमीटर के आधार पर भुगतान करने की सुविधा मिलती है।

एमजी मोटर ने कॉमेट मिनी और ZS EV दोनों कारों के लिए  BaaS कार्यक्रम लॉन्च किया है।जिससे शुरूआती कार की कीमत सस्ती हो जाती है। इस कदम से कॉमेट की शुरुआती कीमत 2 लाख रुपये और ZS EV की शुरुआती कीमत 4.99 लाख रुपये कम हो गई है। इस मॉडल को चुनने वाले खरीदार बैटरी किराए का बाद में भुगतान करेंगे जब वो कार चला रहे होंगे। अब इसे उदाहरण से समझे अगर आपने कॉमेट खरीदी है तो इसके लिए आपको 2.5 रुपये प्रति किलोमीटर और ZS EV के लिए 4.5 रुपये प्रति किलोमीटर से बाद में चुकाने होंगे। इसके अतिरिक्त, चार्जिंग लागत, जो लगभग 1 रुपये प्रति किलोमीटर है, जो आपको देनी होगी। 

 ग्राहकों को तीन साल के बाद  60% बायबैक मूल्य की पेशकश भी की जाती है, जिससे ये पूरी डील ठीक-ठाक लगती है।  BaaS कार्यक्रम को सबसे पहले विंडसर ईवी के साथ पेश किया गया था, जिसकी कीमत 9.99 लाख रुपये थी, जिसमें बैटरी का किराया 3.5 रुपये प्रति किलोमीटर था। हालांकि, खरीदारों को 1,500 किलोमीटर ड्राइविंग के बराबर न्यूनतम मासिक बैटरी भुगतान करना होगा, जिससे कुल लागत 5,250 रुपये हो गई थी जो ग्राहकों को कार खरीदने के बाद चुकानी थी।

कंपनी का कहना है कि पांच लाख में ईवी कार खरीदना और उसका मालिक होना एक बड़ी बात है। एमजी कॉमेट की कीमत 5 लाख रुपये से कम है, लेकिन यह भारत में यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली इलेक्ट्रिक गाड़ी नहीं है। 1994 में 2.88 लाख रुपये में लॉन्च हुई रेवा को यह उपलब्धि हासिल है। रेवा का निर्माण चेतन मैनी की रेवा इलेक्ट्रिक कार कंपनी ने किया था, जिसे बाद में 2010 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने खरीद लिया। महिंद्रा ने 2013 में e2O लॉन्च किया था, जिसकी कीमत 6.5 लाख रुपये से 8.5 लाख रुपये के बीच थी, हालांकि अब रेवा को बंद कर दिया गया है।

कॉमेट की रेंज एक चार्ज में 230 किलोमीटर है और इसमें चार लोग बैठ सकते हैं, हालांकि जगह कम है। इस बीच, ZS EV, एक 4.3-मीटर एसयूवी है जिसकी रेंज एक चार्ज पर 461 किलोमीटर है। 

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