शराब की कई तरह की वैरायटी आजकल देखने को मिल जाती है जैसे व्हिस्की, वाइन, बियर आदि
अगर बात प्राचीन समय की करें तो पहले सोम नामक आध्यात्मिक शराब होती थी जिसका ज़िक्र वेदों में भी किया गया है
पहले सोम के अलावा मेधका , प्रसाना, मैरेया , आसव, अरिष्ट, मधु, सुरा नामक और भी वैरायटी होती थीं
मगर सोम बनाने के लिए एक विशेष प्रकार के पौधे के डंठल को पत्थरों के बीच दबाकर उसके रस को भेड़ की ऊन से फ़िल्टर करके बनाई जाती थी
सुरा बनाने के लिए पानी और चावल के आटे को फर्मेंट किया जाता था
सम्राट अशोक के मंत्री कौटिल्य ने अपनी किताब अर्थशास्त्र में 12 प्रकार की शराब की वैरायटी का ज़िक्र किया है