मालदीव में क्यों मुस्लिमों को ही मिलती है नागरिकता?
मालदीव एक इस्लामिक राष्ट्र है, और यही वजह है कि यहां दूसरे धर्म के लोगों को नागरिकता नहीं मिलती है
मालदीव करीब 1200 द्वीपों का समूह है, ये हिंद महासागर में स्थित एक द्वीप देश है
ये भारत के बहुत करीब है मालदीव के 200 द्वीपों पर ही स्थानीय आबादी रहती है जबकि 12 द्वीप सैलानियों के लिए हैं, जहां रिसोर्ट, होटल और सैलानियों के घूमने के लिहाज से सुविधाएं हैं
यहां हर साल करीब छह लाख सैलानी आते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा सैलानी भारत से जाते हैं
मालदीव में सात प्रांत हैं, हर द्वीप का प्रशासकीय प्रमुख, द्वीप मुख्याधिकारी (कथीब) होता है, जिसे राष्ट्रपति नियुक्त करता है
बारहवीं शताब्दी तक मालदीव हिंदू राजाओं के अधीन रहा
बाद में ये बौद्ध धर्म का भी केंद्र बना, यहां तमिल चोला राजा भी शासन कर चुके हैं
लेकिन उसके बाद ये धीरे धीरे मुस्लिम राष्ट्र में बदलता चला गया
इस्लाम ही मालदीव का शासकीय धर्म है,"एक गैर मुस्लिम मालदीव का नागरिक नहीं बन सकता"