लोगों के मन में हमेशा ये सवाल उठता है कि आख़िर वृंदावन की खोज किसने की है
मुड़िया संत राम कृष्ण दास ने बताया कि बंगाल से सनातन गोस्वामी यहां चैतन्य महाप्रभु के आदेशानुसार आए थे
उन्होंने यहां यमुना के बहते जल के बीच घना जंगल देखा, वृक्ष पर बैठे पक्षी की चहचहाहट सुनी, यमुना का निर्मल जल बहता देखा तब उन्होंने सोचा कि ये घना जंगल और शांत वातावरण तपस्या करने के लिए उचित स्थान है
यमुना के किनारे बैठकर उन्होंने तपस्या शुरू की थी, वृंदावन का नाम इसलिए रखा गया क्योंकि वृंदा का अर्थ होता है तुलसी का वन
सनातन गोस्वामी ज़ब यहां बैठकर तपस्या कर रहे थे, तो उन्हें तुलसी की महक ने अपनी ओर आकर्षित किया तब इसका नाम वृंदावन रख दिया