लेकिन सवाल ये है कि सबसे पहली बार कहाँ हुई थी ये कथा, तो बताते हैं कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिमालय की चोटियों पर अमरनाथ गुफा में हुई थी पहली सत्य नारायण भगवान की कथा
अमरनाथ गुफा में हर साल बर्फ से शिवलिंग बनते हैं जिनका दर्शन करने दूर-दूर से भक्तगण आते हैं, इनको नैसर्गिक शिवलिंग भी कहा जाता है
इस गुफा तक पहुँचने के लिए भक्तों को कई मुसीबतों से गुजरना पड़ता है
यह मोक्ष प्राप्ति कथा पहली बार इसी गुफा में शिव जी ने माता पार्वती को सुनाई थी
कहा जाता है कि जब शिवजी कथा सुना रहे थे तब वहाँ तोते का फूटा अंडा पड़ा था और इस कथा के प्रभाव से उस अंडे के जीव का भाग्य ही बदल गया और उसे शकुदेव भगवान के नाम से जाना जाता है
यह कथा श्रीमद्भागवत महापुराण में आती है और इस पुराण के मुताबिक़ सत्य नारायण की कथा ही श्रीमद्भागवत है