कुछ ही दिनों में महाशिवरात्रि आने वाली है, इस दिन लोग शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह की पूजा अर्चना करते हैं, और गुलाब, चंपा, कमल समेत कई फूल अर्पित करते हैं
महादेव की पूजा में फूलो के अलावा भांग, धतूरा समिति कई चीजे अर्पित की जाती है, लेकिन एक ऐसा फूल है जिसको भगवान शिव को अर्पित नहीं करना चाहिए
धर्मशास्त्र में भगवान शिव की पूजा अर्चना में केतकी का फूल चढ़ाना वर्जित बताया जाता है, केतकी का फूल शिवलिंग पर चढ़ाने की मनाहीं क्यों है, आईए जानते हैं
शिव पुराण के अनुसार, एक बार ब्रह्मा और विष्णु जी में इस बात पर विवाद हुआ कि कौन सबसे सर्वश्रेष्ठ है, इसकी बात को सुलझाने के लिए भी दोनों शिव जी के पास गए और वहां एक शिवलिंग प्रकट हुआ
शिवजी ने कहा कि जो इस शिवलिंग के आदि और अंत का पता लगा लेगा, वहीं सर्वश्रेष्ठ कहलाएगा, ब्रह्मा जी ज्योतिर्लिंग का आरंभ खोजने के लिए नीचे की ओर गए और विष्णु जी अंत खोजने के लिए ऊपर की ओर गए
तभी ब्रह्मा जी को रास्ते में केतकी का फूल मिला, ब्रह्मा जी ने केतकी के फूल से अपने पक्ष में झूठ बोलने को कहा, ब्रह्मा जी ने कहने पर भगवान शिव के सामने केतकी ने झूठ बोल दिया
भगवान शिव जानते थे कि केतकी का फूल झूठ बोल रहा है और इस बात पर क्रोधित होकर शिवजी ने ब्रह्मा का पांचवा सर काट दिया और केतकी के फूल को श्राप दिया कि अब से मेरी पूजा में तुम्हारा प्रयोग नहीं होगा
तब से लेकर आज तक भोलेनाथ की पूजा में केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता है, भगवान शिव की पूजा में केतकी का फूल अर्पित करना पाप के समान माना जाता है