धरती से  टकराने वाला था Solar Storm, बच गया ISRO  का सैटेलाइट

धरती से टकराया  Solar Storm

8 और 9 मई को बीते दो दशकों के सबसे ख़तरनाक Solar Storm आया जो धरती के वायुमंडल से ऊपर इसरो के सैटेलाइट्स से टकराया

Starlink Satellites घटना 

यह घटना सुनने में फ़रवरी 2022 के हादसे जैसी ही है जब 35 से ज़्यादा SpaceX's Starlink satellite लॉन्च होने के बाद ही Geomagnetic storm से टकराने पर वापिस पृथ्वी पर आ गिरे थे

Spacecraft पर असर

Solar Storm ने धरती और चंद्रमा दोनों पर असर डाला है। भारत के 50 से ज़्यादा  operational satellites को आगे भी खतरा पैदा हो सकता है

ISRO की सतर्कता 

Indian Space Research Organisation (ISRO) high alert पर था। कर्नाटक के हासन में Master Control Facility (MCF) और मध्य प्रदेश के भोपाल ने satellites की निगरानी और सुरक्षा में एक अहम भूमिका निभाई थी

Satellite Adjustments

जैसे ही storm आया वैसे ही ISRO ने कुछ subtle changes को satellite behaviour में देख लिया जैसे momentum wheel speed और electrical current में परिवर्तन आया।टीम ने stability बनाये रखने के लिए ज़रूरी adjustment किए

Protective Measures

ISRO ने critical system को बचाने के लिए जल्द ही कुछ सेंसर्स को बंद किया ताकि सोलर तूफान का असर ना हो सके

Navigation पर असर

तूफ़ान की तीव्रता के बाद पता चला कि Navigation Services पर ना के बराबर असर हुआ है

लगातार निगरानी 

ISRO ने अपने सैटेलाइट्स को सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के निगरानी सिस्टम तैयार किए हैं जो समय-समय पर सोलर स्टॉर्म जैसे खतरों से बचाव करते हैं