Adarsh Garg
बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हो रहे प्रदर्शन की वजह से प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है और वह देश छोड़ भारत आ गई
भारत और बांग्लादेश के रिश्ते बहुत अच्छे हैं, साल 2009 में बांग्लादेश में हुए विद्रोह प्रदर्शन में भारत ने ही शेख हसीना की कुर्सी बचाई थी
बांग्लादेश राइफल्स (BDR) ने फ़रवरी 2009 में देश में विद्रोह किया था, हसीना तब दो महीने पहले ही देश की प्रधानमंत्री बनी थी
उन्होंने रक्षा विभाग भी अपने हाथ में रखा था, ऐसे में जब हसीना को विद्रोह से ख़तरा महसूस हुआ था तो उन्होंने भारत को याद किया था
भारत ने तुरंत पैराशूट रेजीमेंट की 6वी बटालियन के बाद पैराटूपर्स सहित सैन्य संसाधन तैयार किए और लैंडिंग के लिए भारतीय सैनिकों को आदेश दिए
भारत के तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भारतीय सेना को तब PM रही हसीना की सुरक्षा सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी दी साथ ही बांग्लादेश की सेना कड़ा संदेश भी दिया
तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सेना प्रमुख जनरल मोहन उद्दीन अहमद को और चेतावनी दी कि अगर शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ किसी तरह का विद्रोह होता है तो भारत हस्तक्षेप करेगा इसके बाद मामला शांत हो गया