छत्तीसगढ़ से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक रेलवे कर्मचारी और उसकी पत्नी के बीच फोन पर हुए झगड़े के कारण रेलवे को 3 करोड़ का नुक़सान झेलना पड़ा। इस वाकये के बाद पति ने तलाक़ के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया।
विशाखापट्टनम निवासी गोरा पल्लई वेंकटगिरी और दुर्ग की मीरा का विवाह 12 अक्टूबर 2011 को हुआ था। लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही उनके बीच मनमुटाव शुरू हो गया। वेंकटगिरी के अनुसार, मीरा शादी से पहले किसी और के साथ प्रेम संबंध में थी, जिससे उनके रिश्तों में तनाव बढ़ गया।
22 मार्च 2012 को वेंकटगिरी जब ड्यूटी पर थे, तभी उनकी पत्नी के साथ फोन पर झगड़ा हो गया। उसी दौरान उन्होंने स्टेशन मास्टर से बातचीत में गलती से "OK" कह दिया। इससे स्टेशन मास्टर ने ट्रेन को नक्सल प्रभावित क्षेत्र की ओर रवाना कर दिया, जिसके कारण रेलवे को 3 करोड़ का नुकसान हुआ। इसके बाद वेंकटगिरी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई भी की गई।
इस घटना के बाद वेंकटगिरी ने फैमिली कोर्ट में तलाक़ की अर्ज़ी दी थी, लेकिन वहां उनकी अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया गया।
आखिरकार, वेंकटगिरी ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पत्नी के आरोपों को साबित ना होते देख वेंकटगिरी के पक्ष में फैसला सुनाया।
अदालत ने माना कि पति को क्रूरता के आधार पर तलाक़ का अधिकार मिलना चाहिए, क्योंकि पत्नी के आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई।
इस मामले ने दिखाया कि कैसे एक छोटी सी गलती ने रेलवे को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया और एक परिवार को कोर्ट तक का सफर करना पड़ा