जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के जन्मदिन को मनाया जाता है इसलिए भगवान को भोग लगाने के लिए प्रसाद बनाया जाता है
पंचामृत : भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाये जाते हैं जिसमें सबसे ज़रूरी पंचामृत होता है
जब पंचामृत को भगवान के चरणों में रखा जाता है तब से चरणामृत बन जाता है
चरणामृत धार्मिक दृष्टि से भी और वैज्ञानिक दृष्टि से भी काफ़ी महत्वपूर्ण है
पंचामृत को दूध, दही, घी, मिश्री और शहद से बनाया जाता है
सेहत के लिए पंचामृत काफ़ी फ़ायदेमंद होता है
पंचामृत पीने से पेट को फ़ायदा मिलता है, इसमें मौजूद दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन को मज़बूत बनाते हैं और पेट की समस्याओं को दूर करते हैं
हड्डिओं के लिए भी ये फ़ायदेमंद होता है क्योंकि इसमें मौजूद दूध में कैल्शियम होता है साथ ही प्रोटीन और विटामिन बी 12 होता है
पंचामृत से कमजोरी और थकान दूर होती है और शरीर को एनर्जी मिलती है
पंचामृत में एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जिससे शरीर की इम्युनिटी मज़बूत होती है
दूध में मिश्री डाल कर अच्छे से मिलाएँ, फिर मखाने मिलाएँ, फिर शहद, कद्दूकस नारियल और घी मिलाएँ और उसके बाद तुलसी के पत्ते और गंगाजल मिला दें