सुप्रीम कोर्ट के नियमानुसार पीड़िता की असली जानकारी और पहचान को गूगल पर शेयर करना है एक अपराध
भारत में पोर्नोग्राफी जैसी वेबसाइट चलाना है अपराध
यदि गूगल पर बम बनाने के तरीक़े ढूँढते पाये गये तो जेल भी हो सकती है
फ़िल्म के रिलीज़ होने से पहले उसे अपलोड करना या पाइरेटेड फ़िल्म देखना ज़ुर्म है जिसके लिए जेल भी हो सकती है
किसी की निजी वीडियो और फोटो को गूगल पर शेयर करना भी ग़ैर-क़ानूनी है