लखनऊ में 19 साल की छात्रा की हार्टअटैक से मौत, क्यों हो रहा है ऐसा?

लखनऊ के एक हॉस्टल में 19 वर्षीय छात्रा, अनिका रस्तोगी, की हृदयगति रुकने से मौत हो गई | जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है? मौजूदा स्थितियों को देखते हुए लग रहा कि अब युवा भारतीय भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं, ऐसा क्या करें कि ये ना हो?

18 साल की उम्र में  परीक्षण क्यों?

18 साल की उम्र में लिपिड टेस्ट से पता चल जाता है कि कोलेस्ट्रॉल का लेवल क्या है? इससे दिल की सेहत का पहला आभास मिल जाता है 18 साल की उम्र में लिपिड प्रोफाइल में कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल, एचडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स शामिल होते हैं—ये सभी टेस्ट जरूरी हैं

जेनेटिक कारणों की जांच

अगर परिवार में हृदय रोग या उच्च कोलेस्ट्रॉल का इतिहास है, तो ये टेस्ट जरूर होने चाहिए

टेस्ट का मतलब समझना

18 साल की उम्र में, एलडीएल का स्तर 100 mg/dL से कम होना चाहिए, नॉन-एचडीएल कोलेस्ट्रॉल 130 mg/dL से कम रहना चाहिए, अगर उच्च कोलेस्ट्रॉल का पता चलता है, तो सबसे पहले जीवनशैली में बदलाव, जैसे आहार और व्यायाम, किए जाने चाहिए

स्टैटिन्स की भूमिका

स्टैटिन्स, जो युवा वयस्कों के लिए सुरक्षित हैं, ये कोलेस्ट्रॉल स्तर को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं और हार्ट अटैक से बचाते हैं निरंतर सतर्कता और मॉनिटरिंग से ही इससे बचा जा सकता है