तेज हवाओं और भारी बारिश के साथ चक्रवात रेमल पश्चिम बंगाल के तटों से टकराया है, मौसम विभाग के मुताबिक यह चक्रवात के लैंडफॉल की पूरी प्रक्रिया पांच से सात घंटे तक चलेगी
इस तूफान को 'रेमल' कहा जा रहा है, रेमल, जिसका अरबी भाषा में अर्थ रेत होता है, उत्तरी हिंद महासागर में चक्रवातों के लिए क्षेत्रीय नामकरण प्रणाली को मानते हुए, यह नाम ओमान द्वारा दिया गया था
इस सीज़न में बंगाल की खाड़ी में पहला प्री-मानसून चक्रवात है, बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवाती तूफान 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दस्तक दे चूकी है, यह 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार पकड़ सकता है
मौसम विभाग ने 26-27 मई को पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में 27-28 मई को अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है
बंगाल के तटीय इलाकों से करीब 1.10 लाख लोगों को शेल्टर सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है, इसमें सबसे ज्यादा लोग साउथ 24 परगना जिले से हैं. स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट और NDRF की 16-16 टीमों को तटीय इलाकों में तैनात किया गया है
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने X पर ट्वीट कर कहा कि घर में रहें और सुरक्षित रहें, हम हमेशा की तरह आपके साथ हैं, यह तूफान भी गुजर जाएगा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके बताया कि उन्होंने रेमल को लेकर संबंधित अधिकारियों से बात की है, सभी क्षेत्रों में NDRF की तैनाती कर दी गई है, लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा है
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने चक्रवात रेमल पर आपातकालीन समीक्षा बैठक बुलाई है, उन्होंने कहा कि जनता की सहायता के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है, राजभवन जनता के लिए खुला रहेगा, यदि उन्हें सुरक्षित आवास और अन्य सहायता की आवश्यकता होगी
चक्रवात के बाद की स्थिति से निपटने के लिए कोलकाता में लगभग 15,000 नागरिक कर्मचारियों को तैनात किया गया है
सियालदह का हेल्पलाइन नंबर: 033-23508794 और 033- 23833326 हावड़ा का हेल्पलाइन नंबर: 033-26413660 है