RBI के अनुसार ये हैं भारत के सबसे सुरक्षित बैंक, जानें कौन हैं टॉप 3

कौन-कौन से बैंक हैं सबसे सुरक्षित?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) को एक बार फिर से डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक्स (D-SIBs) की सूची में शामिल किया है। इसका मतलब है कि ये बैंक देश के वित्तीय सिस्टम के लिए बेहद अहम माने जाते हैं, और इनके डूबने का खतरा लगभग न के बराबर है।

D-SIBs क्या हैं?

D-SIBs  (Domestic Systemically Important Banks) वो बैंक होते हैं जिनका वित्तीय प्रणाली पर इतना अधिक प्रभाव होता है कि अगर ये बैंक डूब जाएं तो पूरी अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है। इसलिए, सरकार इन्हें किसी भी हालत में बचाने की कोशिश करती है।

D-SIBs की नई सूची कब जारी हुई?

RBI ने 13 नवंबर 2024 को D-SIBs की नई सूची जारी की, जो 31 मार्च 2024 तक के आंकड़ों पर आधारित है। SBI, HDFC Bank और ICICI Bank पिछले साल भी इस लिस्ट में शामिल थे।

बैंकों को कितना CET1 मेंटेन करना होगा?

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI): बकेट-4 में शामिल, इसे 0.80% अतिरिक्त CET1 मेंटेन करना है। एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) बकेट-2 में शामिल, इसे 0.40% अतिरिक्त CET1 मेंटेन करना है। आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank): बकेट-1 में शामिल, इसे 0.20% अतिरिक्त CET1 मेंटेन करना है।

D-SIBs का कॉन्सेप्ट कब लागू हुआ?

RBI ने 2014 में D-SIBs का कॉन्सेप्ट लागू किया था। 2015 में पहली बार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को इस लिस्ट में शामिल किया गया। इसके बाद 2016 में ICICI Bank और 2017 में HDFC Bank को इस लिस्ट में जगह मिली।

क्यों जरूरी है CET1 बफर?

D-SIBs को अतिरिक्त Common Equity Tier 1 (CET1) पूंजी मेंटेन करनी पड़ती है, जो इनके रिस्क को कवर करने के लिए जरूरी होती है। नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।