पैकेटबंद फूड को प्रिजर्व करने के लिए कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, ये फूड दमा के मरीजों के लिए दुश्मन की तरह है, वहीं जिस फूड आइटम में पोटैशियम बायसल्फेट, सोडियम सल्फेट, पोटैशियम मेटाबायसल्फेट आदि का इस्तेमाल किया जाता है
अचार और शराब को प्रिजर्व करके रखा जाता है, इसमें सोडियम सल्फेट की मात्रा बढ़ जाती है, ये दोनों चीजें अस्थमा के लक्षण को कई गुना बढ़ा देती है
कुछ लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, ऐसे दमा के मरीजों को कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि कॉफी में मौजूद कैफीन एसिड रिफलेक्स को बढ़ा देती है
दमा के मरीजों को मूंगफली भी नहीं खाना चाहिए, इससे एलर्जी हो सकती है, हालांकि दमा के सभी मरीजों में ऐसा हो, जरूरी नहीं
सोया और सोया से बने फूड आइटम भी दमा के मरीजों को नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर जिस सोया को फ्रीज में रखा जाता है, वहीं फ्रीज में रखी चीजों को भी तुरंत खाने से दमा के मरीजों को परहेज करना चाहिए
दमा के मरीजों को सीजनल सब्जियां, फल आदि का सेवन करना चाहिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है, विटामिन सी और विटामिन ई से युक्त फूड आइटम का ज्यादा सेवन करना चाहिए, हर रोज धूप में निकलना चाहिए, रोजना एक्सरसाइज भी जरूरी है