शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है इसके बाद भी दिन भर दिन इसकी खपत बढ़ती ही जा रही है
कोरोना के दौरान जहां ज़रूरी चीज़ें भी मिलनी मुश्किल थी, उस दौर में भी शराब की दुकानें को खोला गया, वजह थी सरकार की कमाई
राज्य और केंद्र सरकार दोनों को अल्कोहल से बड़ा रेवेन्यू हासिल होता है इसकी डिमांड भी दिन ब दिन बढ़ती जा रही है
आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 2004 में शराब इंडस्ट्री का कारोबार 55,840 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है
भारत में शराब पूरे देश का पाँचवा सबसे बड़ा शराब सारे शराब इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलता है और यह देश को कुल कार्यरत लोगों का 1.5% है
हमारे देश में शराब की खपत प्रति व्यक्ति सालाना नौ मिलीमीटर है जो फ़्रान्स के मुताबिक़ क़रीब 1/8000वां हिस्सा है
शराब इंडस्ट्री में देसी ब्रांडों का दबदबा बना हुआ है और अगर अगले पाँच साल में इंपोर्टट्रेड विस्की की ग्रोथ 3.8 फ़ीसदी भी रहती है तब भी देसी ब्रांडों का बाज़ार हिस्सा 96% से ज़्यादा रहेगा
साल 2019 में शराब इंडस्ट्री से 70 देशों को 262 बिलियन डॉलर का मुनाफ़ा हुआ था और 23 मिलियन से ज़्यादा लोगों को नौकरी मिली थी