वाघ-बकरी चाय के पीछे क्या है कहानी?

24october,2023

'वाघ-बकरी' नाम के पीछे है बड़ा लॉजिक

Tata और HUL के बाद तीसरा सबसे बड़ा ब्रैंड है

यह नाम थोड़ा अजीब जरूर है, लेकिन इसके पीछे की कहानी बड़ी रोचक है

‘वाघ-बकरी’ ब्रांड से मशहूर चाय कंपनी का असली नाम गुजरात टी प्रोसेसर्स एंड पैकर्स लिमिटेड है

आज इस कंपनी की देश के चाय बाजार में करीब 20 फीसदी हिस्‍सेदारी है

मूल रूप से गुजरात की इस कंपनी की नींव साल 1919 में नरेनदास देसाई ने रखी थी

गुजरात में इस कंपनी की बाजार हिस्‍सेदारी 70 फीसदी से भी ज्‍यादा है

कंपनी के मालिक नरेन दास ने अंग्रेजों के जमाने में सामाजिक भेदभाव काफी देखा था

लिहाजा एक ऐसा नाम दिया जाए जिसमें अमीर-गरीब के बीच की खाई खत्‍म होती नजर आए

जहां वाघ समाज के उच्‍च वर्ग को बकरी निम्‍न वर्ग को दर्शाता है

इसी संदेश के साथ प्रोडक्‍ट का नाम ‘वाघ-बकरी’ रखा