भारत में बने इन्वेस्टिंग प्लेटफॉर्म ग्रो (Groww) पर उठे इस सवाल से करोड़ों लोगों के भरोसे को हिलाने का काम किया है
हालांकि ग्रो की तरफ से अपनी सफाई भी दी गई है कि जैसा आरोप लगा है, वैसा बिलकुल भी नहीं था
सोशल मीडिया पर प्लेटफ़ॉर्म के कथित तौर पर ‘फ्रॉड’ का यह मामला तूल पकड़ रहा है
जिन्होंने ग्रो ऐप के माध्यम से अपनी मेहनत का पैसा म्यूचुअल फंड्स या इक्विटी में लगाया है, उनके लिए यह किसी झटके से कम नहीं है
मनीकंट्रोल के मुताबिक, ग्रो के एक यूजर आरोप लगाया है कि उसके अकाउंट से पैसा तो कट गया, लेकिन हकीकत में वह निवेश नहीं हुआ
ग्रो की तरफ से ग्राहक के पैसे को रिफंड कर दिया गया है