ITR-सहज, ये फॉर्म उन लोगों के लिए हैं जिनकी आय वेतन, एक मकान संपत्ति अन्य आय ( ब्याज) से होती है और कुल आय 50 लाख और कृषि आय 5000 तक है
किसी साझेदारी फर्म से प्राप्त किए गए, किसी भी नाम से कमीशन या पारिश्रमिक, यदि किसी अन्य व्यक्ति की आय जैसे पति या पत्नी, नाबालिग बच्चे, आदि को उनकी आय के साथ जोड़ा जाना है - यदि ऐसी आय उपरोक्त में से किसी भी श्रेणी में आती है
वो करदाता जिनकी आय किसी अनलिस्टिड शेयर में निवेश से हुई है, किसी कंपनी के पार्टनर हैं, किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या व्यवसाय का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से अधिक है, इस फॉर्म को फाइल करते हैं
ऐसे व्यक्ति, HUF और पार्टनरशिप फर्म जो भारत के निवासी हैं, किसी व्यवसाय या पेशे (डॉक्टर, वकील आदि) से आय अर्जित करते हैं, उन्हें आईटीआर-4 का चयन करना होता है. इसे सुगम फॉर्म (SUGAM Form) भी कहा जाता है
आपको बता दें कि यह आइटीआर-5 फॉर्म संस्थाओं के लिए होता है. ऐसे संस्थान जो फर्म, LLPs, AOPs, BOIs के रूप में रजिस्टर्ड हैं को आइटीआर-5 फॉर्म भरना होता है
आईटीआर 6 किसी भी कंपनी के लिए होता है जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 11 से संबंधित छूट का दावा नहीं कर रही होती है, इस धारा के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करने वाली फर्म इसे केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप से भर सकती हैं
आईटीआर 7 फॉर्म राजनीतिक दल, अस्पताल, चिकित्सा संस्थान, विश्वविद्यालय, कोष, समाचार एजेंसियां, ज्ञानिक अनुसंधान संघ और अन्य शैक्षणिक संस्थान, कॉलेज या विश्वविद्यालय या व्यावसायिक ट्रस्ट द्वारा भरा जाता है