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ITR Filing 2024: कैसे करे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल? जाने फाइलिंग के नुकसान और फायदे के बारे में ?

अन्य स्रोतों से आय' का सही तरीके से खुलासा करना आपके टैक्स रिटर्न के सटीकता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। यह न केवल आपको दंड और कर समस्याओं से बचाता है बल्कि आपकी कर प्रक्रिया को भी सुचारू बनाता है।

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ITR Filing 2024: कैसे करे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल?
ITR Filing 2024: कैसे करे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल?

आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना महत्वपूर्ण है, लेकिन कभी-कभी उलझन भरा काम हो सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपने टैक्स रिटर्न में सभी आय को सही तरीके से दिखाए, आपको विभिन्न आय स्रोतों को ध्यान से रिपोर्ट करना होता है। 

अन्य स्रोतों से आय' का मतलब क्या है?

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अन्य स्रोतों से आय' आयकर अधिनियम, 1961 के तहत एक विशेष कैटेगरी है। इसमें वह सारी इनकम आती है जो मुख्य चार केटेगरी में शामिल नहीं होती: सैलरी, होम प्रोपर्टी, व्यवसाय/पेशा, और पूंजीगत लाभ। इसका मतलब है कि किसी भी प्रकार की आय जो इन चार श्रेणियों से बाहर हो, 'अन्य स्रोतों से यह इनकम' के अंतर्गत आती है।

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आय के सामान्य प्रकार

1. बचत खातों और सावधि जमा (FD) से ब्याज: बहुत से लोग बचत खाते और FD संचालित करते हैं, और इनसे मिलने वाला ब्याज आमतौर पर सीधे उनके बैंक खाते में जमा हो जाता है। हालांकि, कई बार लोग इस ब्याज आय को अपने टैक्स रिटर्न में शामिल करना भूल जाते हैं।

2. लाभांश आय: शेयरों और म्यूचुअल फंड्स से प्राप्त लाभांश भी इस श्रेणी में आता है और इसे सही तरीके से रिपोर्ट करना आवश्यक है।

3. मौद्रिक उपहार: यदि आपको किसी गैर-रिश्तेदार से एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये से अधिक का उपहार मिलता है, तो इसे भी 'अन्य स्रोतों से आय' के रूप में रिपोर्ट करना जरूरी है।

4. लॉटरी और गेम शो की जीत: लॉटरी, क्रॉसवर्ड और गेम शो की जीत भी इस श्रेणी में आती है और कर के अधीन होती है।

5. पारिवारिक पेंशन: पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद परिवार के सदस्य को प्राप्त पारिवारिक पेंशन भी 'अन्य स्रोतों से आय' के अंतर्गत आती है।

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ब्याज आय पर टैक्स छूट

1. धारा 80TTA: 60 वर्ष से कम आयु के करदाताओं के लिए, बचत बैंक ब्याज की 10,000 रुपये तक की आय कर-मुक्त होती है।
  
2.  धारा 80TTB: 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए, 50,000 रुपये तक की बचत बैंक ब्याज (अन्य प्रकार की जमाराशियों के ब्याज सहित) कर-मुक्त होती है।

प्रकटीकरण की महत्व

सही टैक्स रिटर्न फॉर्म का चयन और सभी आय स्रोतों का सही-सही खुलासा करना जरूरी है। 'अन्य स्रोतों से आय' को ITR-1, ITR-2, ITR-3, या ITR-4 फॉर्म के माध्यम से रिपोर्ट किया जा सकता है। अगर आप इन आय स्रोतों का खुलासा नहीं करते हैं, तो यह कर चोरी के समान माना जा सकता है। आयकर विभाग  अघोषित आय को ट्रैक करने के लिए डेटा मिलान और थर्ड-पार्टी रिपोर्टिंग जैसे तंत्रों का उपयोग करता है। साथ ही गैर-प्रकटीकरण के परिणामस्वरूप भारी दंड और ब्याज लग सकते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 234 बी और सी के तहत कमी और स्थगित अग्रिम कर के लिए दंड की व्यवस्था की गई है। 

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कैसे करें सही प्रकटीकरण

1.सभी आय स्रोतों की सूची बनाएं: अपना टैक्स रिटर्न तैयार करते समय सभी आय स्रोतों की एक सूची तैयार करें और सुनिश्चित करें कि किसी भी स्रोत को छूट न दें।
  

2.सही ITR फॉर्म चुनें: अपनी आय की प्रकृति के अनुसार सही ITR फॉर्म का चयन करें और सभी आवश्यक जानकारी भरें।

3.समय पर दाखिल करें: समय पर टैक्स रिटर्न दाखिल करना सुनिश्चित करें ताकि किसी भी प्रकार की दंड और ब्याज से बचा जा सके।

4.सही जानकारी दें: सभी स्रोतों से प्राप्त आय की सही जानकारी दें ताकि आपके रिटर्न में कोई विसंगति न रहे।

'अन्य स्रोतों से आय' का सही तरीके से खुलासा करना आपके टैक्स रिटर्न के सटीकता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। यह न केवल आपको दंड और कर समस्याओं से बचाता है बल्कि आपकी कर प्रक्रिया को भी सुचारू बनाता है। अपने ITR को सही तरीके से दाखिल करने के लिए सभी आय स्रोतों की समीक्षा करें और पूरी तैयारी के साथ अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करें।

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